• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

टीकाकरण पर अदालती टिप्पणी

Writer D by Writer D
05/03/2021
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, ख़ास खबर, राजनीति, राष्ट्रीय, विचार, स्वास्थ्य
0
The third phase of vaccination starts from May 1

The third phase of vaccination starts from May 1

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

सियाराम पांडे ‘शांत’

देश के कई राज्यों में जिस तरह कोविड-19 वैक्सीन के नए स्ट्रेन से संक्रमित लोग मिल रहे हैं, उससे देश में चिंता का ग्राफ बढ़ना स्वाभाविक है। यह सच है कि भारत ने कोरोना से बचने के लिए अपनी  कई वैक्सीन बना ली है। वह केवल अपनेलोगों की ही हिफाजत नहीं कर रहा है बल्कि एक सहृदय पड़ोसी का भी धर्म निभा रहा है। वह पड़ोसी देशों को नि:शुल्क कोविड रोधी वैक्सीन भी दे रहा है। इसके चलते उसे विपक्ष के हमलों का भी दंश झेलना पड़ रहा है। सवाल यह है कि इस तरह का दायित्व तो विकसित देशों को भी निभानी चाहिए। कदाचित वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो क्या भारत को भी अपने दायित्वों सेमुंह मोड़ लेना चाहिए।   दिल्ली हाईकोर्ट ने देश में कोरोना वैक्सीन का पूरी क्षमता से इस्तेमाल न करने पर नाखुशी जताई है। हाईकोर्ट ने कहा कि वैक्सीन कंपनियों के पास इसे बनाने और सप्लाई करने की क्षमता है।

राकेश रोशन ने ली कोविडशील्ड की पहली डोज, शेयर की तस्वीर

हम हर चीज पर पाबंदी लगाने की सोच के चलते इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि सरकार भारतीय नागरिकों को वैक्सीन लगाने की बजाय विदेशों को वैक्सीन दान कर रही है या इसकी बिक्री कर रही है। हाईकोर्ट ने ज्यूडिशयल सिस्टम में काम करने वाले लोगों को फ्रंटलाइन वर्कर माने जाने की मांग वाली एक जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। इस याचिका में जज, कोर्ट स्टाफ और वकीलों का वैक्सीनेशन कराने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में खुद ही संज्ञान लिया है। वहीं, केंद्र और दिल्ली सरकार समेत कोरोना वैक्सीन बना रहीं भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया को नोटिस जारी किए हैं। कोरोना वैक्सीन बना रहीं भारत बायोटेक (कोवैक्सिन) और सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया  से एफिडेविट के जरिए वैक्सीन बनाने की कैपिसिटी बताने को कहा है। केंद्र सरकार से कहा है कि वह वैक्सीन के लिए ट्रांसपोर्ट कैपिसिटी की जानकारी दे। वैक्सीनेशन के लिए लोगों का क्राइटेरिया तय करने की वजह भी बताए।

वाराणसी-लखनऊ हाईवे पर सड़क हादसा, ट्रक और कार की टक्कर में दो की मौत

दिल्ली सरकार को कोर्ट परिसरों में चिकित्सा सुविधाओं का जायजा लेने और यह बताने के लिए कहा गया है कि क्या वहां वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जा सकते हैं। सरकार ने वैक्सीनेशन के दूसरे फेज में 60 साल से ज्यादा उम्र वाले या 45 साल से ज्यादा उम्र वाले गंभीर बीमारी के मरीजों को टीका लगाने की इजाजत दी है। कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और बार काउंसिल आॅफ दिल्ली से हलफनामा दायर कर यह बताने के लिए कहा है कि उनके कितने लोग मौजूदा नियम के दायरे में आएंगे और कितने लोग इससे बाहर रह जाएंगे।बार काउंसिल आॅफ दिल्ली के चेयरमैन ने बुधवार को  पत्र लिखकर अदालती कामकाज से जुड़े लोगों को फ्रंटलाइन वर्कर मानने की मांग की थी। कोर्ट ने इसे जनहित याचिका मानकर इस पर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने कहा कि यह वक्त की जरूरत है कि महामारी के मद्देनजर आम लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए।

CM अरविंद केजरीवाल ने लगवाई कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़, की ये अपील

इससे उन सभी लोगों की जिंदगी और सेहत को बचाया जा सकेगा, जो काम के सिलसिले में घरों से बाहर निकलते हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 10 मार्च को  होनी है। अदालत की इस राय पर विचार किया जाना चाहिए लेकिन  गैरों पर करम और अपनों पर सितम जैसी भाव भूमि से अगर देश की अदालतें भी प्रभावित होने लगेंगी तब तो बहुत बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।   कुछ दिन पहले तक तो लोग  वैकसीन लगवानेमें हिचक रहे थे। प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के टीके लगवाने के बाद हिचक टूटी है लेकिन अभी भी किसान नेता टीके न लगवाने की दलील दे रहे हैं, यह प्रवृत्ति ठीक नहीं है। कोरोनासंक्रामक रोग है। इसकी मारक क्षमता से भारत ही नहीं, पूरी दुनिया सहमी हुई है, ऐसे में इस तरह की टिप्पणी  ठीक नहीं है।

अच्छा होता कि अदालत इस पूरे मामले को सरकार के विवेक पर छोड़ देती।  न्यायालयीय कर्मियों की बारी का इंतजार करती।  जल्दीबाजी के चलते हम विदेशों को सहयोग तो रोक सकते हैं लेकिन वहां जाने और वहां से लासैटने वालों में कोरोना का संक्रमण कैसे रोक पाएंगे। दुनिया में  अगर एक भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित रहेगा तो दुनिया इस महामारी से बच नहीं सकती। इसलिए प्राथमिकता मानव जीवन को बचाने की  होनी चाहिए। देश- काल की सीमाओं में इसे कैद करना कदाचित उचित नहीं है।  भारत की परंपरा अकेले उपभोग करने की नहीं रही है। विचार तो इस बिंदु पर भी होना चाहिए।

Tags: co-winCorona vaccinationcovidshieldNational news
Previous Post

एक जिला एक उत्पाद योजना एमएसएमई की जान व आत्मनिर्भर का आधार : योगी

Next Post

यूपी में औद्योगिक गतिविधियां तेजी से सामान्य हो रही है : सहगल

Writer D

Writer D

Related Posts

Pooja Pal
Main Slider

सीएम योगी की तारीफ करना पूजा पाल को पड़ा महंगा, अखिलेश ने पार्टी से कर दिया आउट

14/08/2025
Rahul Gandhi
राजनीति

राहुल गांधी को “जान को खतरा” मामले में ट्विस्ट, वकील ने बिना सहमति दाखिल की थी अर्जी

14/08/2025
cm yogi
उत्तर प्रदेश

परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी ने विपक्ष को बनाया कूप मंडूक : योगी आदित्यनाथ

14/08/2025
cm yogi
Main Slider

विकसित भारत के इंजन के रूप में आगे बढ़ेगा उत्तर प्रदेशः योगी आदित्यनाथ

14/08/2025
Stray Dog
Main Slider

पीड़ित को सुनवाई में शामिल होने का अधिकार… सुनवाई से पहले Supreme Court में दिखा आवारा कुत्ता, लोग यूं ले रहे मौज

14/08/2025
Next Post
नवनीत सहगल Navneet Sehgal

यूपी में औद्योगिक गतिविधियां तेजी से सामान्य हो रही है : सहगल

यह भी पढ़ें

CM Yogi

कानून के शासन में बार-बेंच के साथ ही वादकारी का भी बड़ा महत्वः सीएम योगी

31/05/2025
'Bhabhi Ji Ghar Par Hain' fame Saumya was accused

भाभी जी घर पर हैं’ फेम सौम्या पर लगा आरोप, एक्ट्रेस ने दी सफाई

04/06/2021

अज्ञात कारणों से युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, नहीं मिला कोई नोट

17/03/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version