• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

कल मनाई जाएगी विश्व्कर्मा जयंती, जानें शुभ मुहूर्त और कथाएं

Writer D by Writer D
16/09/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली
0
Vishwakarma Puja

Vishwakarma Puja

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

शिल्प के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती कल मनाई जाएगी। इस दिन विशेष तौर पर औजार, निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनों, दुकानों, कारखानों, मोटर गैराज, वर्कशॉप, लेथ यूनिट, कुटीर एवं लघु इकाईयों आदि में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। पूजा के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा पहले वास्तुकार और इंजीनियर हैं। इन्होंने ही स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, द्वारिका नगरी, यमपुरी, कुबेरपुरी आदि का निर्माण किया था।

विश्वकर्मा पूजा का मुहूर्त-

विश्वकर्मा दिवस, 17 सितंबर को एक घंटे 32 मिनट तक राहुकाल रहेगा। इस दौरान विश्वकर्मा पूजन की मनाही है। आदि शिल्पी की जयंती पर राहुकाल की शुरुआत पूर्वाह्न 10:43 बजे से होगी। दोपहर 12:15 बजे राहुकाल समाप्त होगा।

विश्वकर्मा पूजन में सूर्य की कन्या राशि में संक्रांति का विशेष महत्व है। इस वर्ष सूर्य की कन्या राशि में संक्रांति 17 सितंबर को दोपहर 1: 29 बजे होगी। ज्योतिषाचार्य पं. रामप्रवेश पांडेय के अनुसार औजारों, निर्माण से जुड़ी मशीनों, दुकानों, कल-कारखानों आदि में पूजन के लिए मध्याह्न 12:16 बजे से सूर्यास्त तक का समय उपयुक्त है। अच्छी बात यह है कि इस दिवस पर सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग की शुरुआत प्रात: 06:07 बजे से होगी जो अगले दिन 18 सितंबर को भोर में 03:36 मिनट तक रहेगा। इस योग में विश्वकर्मा का पूजन विशेष रूप से फलदायी होगा।

कैसे करें पूजा

इस दिन अपने कामकाज में उपयोग में आने वाली मशीनों को साफ करें। फिर स्नान करके भगवान विष्णु के साथ विश्वकर्माजी की प्रतिमा की विधिवत पूजा करनी चाहिए।  ऋतुफल, मिष्ठान्न, पंचमेवा, पंचामृत का भोग लगाएं। दीप-धूप आदि जलाकर दोनों देवताओं की आरती उतारें।

कथाएं

भगवान विश्वकर्मा के जन्म को लेकर शास्त्रों में अलग-अलग कथाएं प्रचलित हैं। वराह पुराण के अनुसार ब्रह्माजी ने विश्वकर्मा को धरती पर उत्पन्न किया। वहीं विश्वकर्मा  पुराण के अनुसार, आदि नारायण ने सर्वप्रथम ब्रह्माजी और फिर विश्वकर्मा जी की रचना की। भगवान विश्वकर्मा के जन्म को देवताओं और राक्षसों के बीच हुए समुद्र मंथन से भी जोड़ा जाता है।

इस तरह भगवान विश्वकर्मा के जन्म को लेकर शास्त्रों में जो कथाएं मिलती हैं, उससे ज्ञात होता है कि विश्वकर्मा एक नहीं कई हुए हैं और समय-समय पर अपने कार्यों और ज्ञान से वो सृष्टि के विकास में सहायक हुए हैं। शास्त्रों में भगवान विश्वकर्मा के इस वर्णन से यह संकेत मिलता है कि विश्वकर्मा एक प्रकार का पद और उपाधि है, जो शिल्पशास्त्र का श्रेष्ठ ज्ञान रखने वाले को कहा जाता था। सबसे पहले हुए विराट विश्वकर्मा, उसके बाद धर्मवंशी विश्वकर्मा, अंगिरावंशी, तब सुधान्वा विश्वकर्मा हुए। फिर शुक्राचार्य के पौत्र भृगुवंशी विश्वकर्मा हुए। मान्यता है कि देवताओं की विनती पर विश्वकर्मा ने महर्षि दधीची की हड्डियों से स्वर्गाधिपति इंद्र के लिए एक शक्तिशाली वज्र बनाया था।

प्राचीन काल में जितने भी सुप्रसिद्ध नगर और राजधानियां थीं, उनका सृजन भी विश्वकर्मा ने ही किया था, जैसे सतयुग का स्वर्ग लोक, त्रेतायुग की लंका, द्वापर की द्वारिका और कलियुग के हस्तिनापुर। महादेव का त्रिशूल, श्रीहरि का सुदर्शन चक्र, हनुमान जी की गदा, यमराज का कालदंड, कर्ण के कुंडल और  कुबेर के पुष्पक विमान का निर्माण भी विश्वकर्मा ने ही किया था। वो शिल्पकला के इतने बड़े मर्मज्ञ थे कि जल पर चल सकने योग्य खड़ाऊ बनाने की सामथ्र्य रखते थे।

Tags: vishwakarma 2021vishwakarma jayantivishwakarma kathaVishwakarma Pujavishwakarma shubh muhurt
Previous Post

कंप्यूटर ऑपरेटरों को सीएम योगी ने दी बड़ी राहत, दिया सेवा विस्तार का तोहफा

Next Post

तेज बारिश के चलते नगर मंत्री ने सभी महापौरों से की वार्ता, अधिकारियों को दिये निर्देश

Writer D

Writer D

Related Posts

Plants
Main Slider

इन पेड़ों का घर के पास का होना होता है शुभ, मां लक्ष्मी की बरसेगी कृपा

10/11/2025
worship
धर्म

पूजा की इन चीजों को ना रखें जमीन पर, घर से चली जाएगी बरकत

10/11/2025
Iron
Main Slider

सोमवार के दिन लोहा खरीदना शुभ या अशुभ, जीवन में क्या पड़ता है प्रभाव?

10/11/2025
Lord Shiv
Main Slider

सोमवार को इस तरीके से करें शिव जी की पूजा, बरसेगी कृपा

10/11/2025
Main Gate
Main Slider

मेन गेट पर लिखें ये मंत्र, घर से दूर होगी नकारात्मकता

10/11/2025
Next Post
Ashutosh Tandon

तेज बारिश के चलते नगर मंत्री ने सभी महापौरों से की वार्ता, अधिकारियों को दिये निर्देश

यह भी पढ़ें

weather forecast

बंगाल की खड़ी से उठा चक्रवातीय दबाव, पूर्वांचल यूपी में हो सकती है बारिश

09/04/2021

कैप्टन की सोनिया को चेतावनी, ‘पंजाब की राजनीति में दखल न दें, वर्ना बड़ा नुकसान होगा’

17/07/2021
CM Atishi

‘मेरे पिता को गाली गालियां दी…’, बिधूड़ी के बयान को लेकर भावुक हुईं CM आतिशी

06/01/2025
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version