नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को भूकंप (Earthquake) के हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान में था। इस्लामाबाद और लाहौर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.8 दर्ज की गई।
धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं। एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है। इसे ही भूकंप (Earthquake) कहते हैं। भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं। जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं।
कोई भूकंप (Earthquake) कितना खतरनाक?
कोई भूकंप (Earthquake) कितना खतरनाक है? इसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खतरनाक होता है।
– 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप vका पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है।
– 2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
– 3 से 3.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे मानो बगल से कोई ट्रक गुजर गया हो।
– 4 से 4.9 की तीव्रता के भूकंप में खिड़कियां टूट सकतीं हैं। दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
– 5 से 5.9 की तीव्रता वाले भूकंप में घर का फर्नीचर हिल सकता है।
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– 6 से 6.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों की नींव को दरका सकता है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है।
– 7 से 7.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतें ढह जातीं हैं। जमीन के अंदर पाइप लाइन फट जातीं हैं।
– 8 से 8.9 की तीव्रता के भूकंप में इमारतों के साथ-साथ बड़े-बड़े पुल भी गिर सकते हैं।
– 9 या उससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आने पर जमकर तबाही मचती है। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती हिलती हुई दिखाई देगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी आ सकती है।