सनातन धर्म में सुहागिनों द्वारा रखे जाने वाला करवा चौथ का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हर वर्ष करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखने का विधान है। इस दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है।
कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना के लिए करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत करती हैं। यह व्रत निर्जला रखा जाता है। रात के समय चांद देखकर इस व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन महिलाएं चांद निकलने तक अन्न, जल का त्याग करती हैं। उसके बाद शाम को छलनी से चांद देखकर और पति की आरती उतार कर अपना व्रत खोलती है। साथ ही मां पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की पूजा की जाती है।
कुछ महिलाओं को करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत नहीं करना चाहिए। करवा चौथ के दिन चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है इसलिए सुहागिन महिलाएं चंद्रमा से अपनी पति की सुख, समृद्धि और लंबी आयु की कामना करते हुए चंद्रमा की पूजन करती है यह व्रत दांपत्य जीवन में अपार खुशियां लेकर आता है। व्रत को रखने से पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं। आइए जानते हैं किन महिलाओं को करवा चौथ का व्रत नहीं करना चाहिए…
गर्भवती महिलाएं न करें व्रत
गर्भवती महिलाओं को करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान खान-पान का ध्यान न रखने की वजह से स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। गर्भवास्था के दौरान अगर आप व्रत रख रही हैं तो पहले अपने डॅाक्टर से सलाह जरूर ले लें।
डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं न रखें व्रत
डायबिटीज के मरीजों को व्रत रखने से बचना चाहिए। डायबिटीज में व्रत रखने से आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों को व्रत रखने से पहले अपने डॅाक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।