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जानें कब करना चाहिए एकादशी व्रत का उद्यापन, व्रत छूट जाए तो क्या करें

Writer D by Writer D
19/11/2024
in Main Slider, धर्म, फैशन/शैली
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Papmochani Ekadashi

Papmochani Ekadashi

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हिंदू धर्म में एकादशी (Ekadashi) व्रत का विशेष महत्व है। हर महीने दो एकादशी व्रत आते हैं, एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में। इस तरह से वर्ष में 24 एकादशी व्रत आते हैं। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि एकादशी व्रत करने से ब्राह्मणों को भोजन करवाने जितना पुण्य मिलता है। व्यक्ति सभी सुखों को भोगकर अंत में मोक्ष को जाता है। भगवान विष्णु की कृपा से जातक की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जानें ज्योतिषाचार्य से एकादशी व्रत का उद्यापन कब करना चाहिए-

एकादशी (Ekadashi) व्रत का उद्यापन कब कर सकते हैं

पंडित ज्योतिषाचार्य नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, एकादशी व्रत का उद्यापन मनोकामना के हिसाब से करना चाहिए। कुछ लोग 5, 11, 21 या अपनी सामर्थ्यनुसार एकादशी व्रत करने का संकल्प लेते हैं और व्रत पूर्ण करने के बाद उद्यापन करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वर्ष की 24 एकादशी व्रत करने के बाद ही व्रत का उद्यापन करना चाहिए।

किस महीने में करना चाहिए एकादशी (Ekadashi) व्रत का उद्यापन

एकादशी (Ekadashi) व्रत का उद्यापन देवताओं के प्रबोध समय में ही करना चाहिए। खासतौर पर मार्गशीर्ष माह, माघ माह या भीम तिथि (माघ शुक्ल एकादशी) को ही एकादशी व्रत का उद्यापन करना चाहिए।

एकादशी (Ekadashi) व्रत का उद्यापन कब नहीं करना चाहिए

एकादशी व्रत का उद्यापन चातुर्मास में नहीं करना चाहिए। चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं।

एकादशी (Ekadashi) व्रत छूट जाए तो क्या करना चाहिए

अगर किसी कारण वश या भूलवश एकादशी व्रत छूट जाता है तो अगला एकादशी व्रत विधिपूर्वक करना चाहिए। अगर किसी कारण वश व्रत टूट जाता है फिर भी व्रत नियमों का पालन करना चाहिए और शाम को भगवान विष्णु की पूजा के समय भूल की क्षमा मांगनी चाहिए।

एकादशी (Ekadashi) व्रत का पारण कब करना चाहिए

एकादशी व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण करना चाहिए। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना जरूरी होता है।

Tags: EkadashiEkadashi Vrat
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