• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

अदम्य साहस और बलिदान के प्रतीक बने शहीद निरीक्षक सुनील, मुख्य आरक्षी दुर्गेश और आरक्षी सौरभ

Writer D by Writer D
21/10/2025
in उत्तर प्रदेश, Main Slider, राजनीति, लखनऊ
0
CM Yogi pays tribute to martyred policemen on Police Memorial Day

CM Yogi pays tribute to martyred policemen on Police Memorial Day

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस प्रदेशवासियों को सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण माहौल देने के लिए लगातार अपराध और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। इस दौरान अदम्य साहस और कर्तव्यों का पालन करते हुए कई यूपी पुलिसकर्मी शहीद हो गये। पिछले आठ वर्ष में अपराधियों से लोहा लेते हुए 18 पुलिसकर्मी शहीद हो गये, जबकि 1 सितंबर 24 से 31अगस्त 25 के बीच तीन पुलिसकर्मी शहीद हुए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने मंगलवार को पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद पुलिसकर्मियों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सम्मानित किया।

प्रदेश पुलिस के तीन वीर सपूतों निरीक्षक/दलनायक सुनील कुमार (एसटीएफ), मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह (जनपद जौनपुर) और आरक्षी सौरभ कुमार (कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर) ने कर्तव्य पालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देकर यह सिद्ध कर दिया कि उत्तर प्रदेश पुलिस का हर जवान देश और समाज की सुरक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान देने से पीछे नहीं हटता। उनके साहस, समर्पण और वीरता ने पूरे पुलिस बल को गौरवान्वित किया है। इन वीर सपूतों से कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।

बदमाशों से लोहा लेते हुए शहीद निरीक्षक सुनील कुमार अदम्य साहस और नेतृत्व का बने प्रतीक

20 जनवरी 25 की रात निरीक्षक/दलनायक सुनील कुमार एसटीएफ उत्तर प्रदेश की टीम के साथ एक लाख के इनामी अपराधी अरशद की तलाश में निकले थे। टीम में उप निरीक्षक प्रमोद कुमार, मुख्य आरक्षी प्रीतम सिंह, मुख्य आरक्षी चालक जयवर्धन, उप निरीक्षक जयबीर सिंह, मुख्य आरक्षी रोमिश तोमर, मुख्य आरक्षी आकाश दीप, मुख्य आरक्षी अंकित श्योरान और आरक्षी चालक प्रदीप धनकड़ शामिल थे। मुखबिर से सूचना मिली कि अरशद और उसके साथी सफेद ब्रेज़ा गाड़ी में किसी बड़े अपराध की योजना बना रहे हैं। इस सूचना पर निरीक्षक सुनील कुमार के नेतृत्व में एसटीएफ टीम ने रात 11 बजे बिडौली चैसाना चौराहा, जनपद शामली पर घेराबंदी की। गिरफ्तारी के प्रयास में बदमाशों ने उदयपुर भट्ठे के पास पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की बौछार के बीच निरीक्षक सुनील कुमार को कई गोलियां लगीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और नेतृत्व जारी रखा। उनकी टीम ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की, जिसमें चार बदमाश घायल हुए और बाद में उनकी मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल निरीक्षक सुनील कुमार को अमृतधारा अस्पताल करनाल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें मेदांता गुरुग्राम रेफर किया गया। उपचार के दौरान 22 जनवरी 2025 की दोपहर 2:30 बजे उन्होंने वीरगति प्राप्त की। उनका यह बलिदान उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया।

मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह का बलिदान प्रदेश के लिए बन गया प्रेरणास्त्रोत

मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह की ड्यूटी 12 मई 2025 को प्रभारी निरीक्षक चन्दवक, जौनपुर के हमराह के रूप में लगाई गई थी। 17 मई को वे तहसील दिवस के बाद थाना जलालपुर जौनपुर क्षेत्र में गो-तस्करों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में शामिल थे। प्रभारी निरीक्षक सत्यप्रकाश सिंह के साथ वे खुज्झी मोड़ पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। रात लगभग 11:50 बजे पिकअप वाहन (संख्या यूपी 65 पीटी 9227) के चालक और सवार अभियुक्तों को रोकने के लिए इशारा किया गया। तभी चालक ने जान से मारने की नियत से वाहन मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह के ऊपर चढ़ा दिया। वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल बीएचयू वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद पुलिस ने तत्काल घेराबंदी कर अभियुक्तों का पीछा किया। अभियुक्तों ने ग्राम सतमेसरा के बगीचे में छिपकर पुलिस पर फायरिंग की, जिसमें जवाबी कार्रवाई में तीनों अभियुक्त घायल हुए और एक अभियुक्त सलमान की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह का यह बलिदान न केवल जौनपुर पुलिस बल्कि पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणास्रोत बन गया।

विपरीत परिस्थितियों में भी बहादुरी दिखाते हुए शहीद हो गये आरक्षी सौरभ कुमार

25 मई 2025 को उप निरीक्षक सचिन राठी के नेतृत्व में पुलिस टीम थाना फेस-3, गौतमबुद्धनगर क्षेत्र में पंजीकृत एक मामले के वांछित अभियुक्त कादिर की तलाश में गई। टीम में उप निरीक्षक उदित सिंह, उप निरीक्षक निखिल, कांस्टेबल सचिन, कांस्टेबल सौरभ, कांस्टेबल सन्दीप कुमार और कांस्टेबल सोनित शामिल थे। मुखबिर की सूचना पर टीम ग्राम नहाल, थाना मसूरी, जनपद गाजियाबाद पहुँची। मुखबिर ने बीच में बैठे व्यक्ति की पहचान कादिर के रूप में कराई। पुलिस ने दबिश देकर उसे पकड़ लिया, लेकिन कादिर ने शोर मचाना शुरू कर दिया। उसकी आवाज सुनते ही भीड़ एकत्र हो गई और पुलिस टीम पर हमला कर दिया। कादिर को गाड़ी में बैठाने के दौरान उसके भाई और अन्य लोगों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान कांस्टेबल सौरभ कुमार के सिर में गोली लगी और कांस्टेबल सोनित भी घायल हो गए। जब पुलिस घायल जवानों को गाड़ी में बैठाने लगी, तब भीड़ ने फिर से पथराव और फायरिंग शुरू कर दी। टीम के कुछ सदस्य घायल सौरभ कुमार को लेकर तत्काल यशोदा अस्पताल, नेहरू नगर, गाजियाबाद पहुँचा, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आरक्षी सौरभ कुमार ने विपरीत परिस्थितियों में भी बहादुरी दिखाते हुए साथियों के साथ कर्तव्य निभाया और अपने प्राणों की आहुति दी।

वर्ष 1960 से मनाया जा रहा पुलिस स्मृति दिवस

भारत में पुलिस स्मृति दिवस (Police Commemoration Day) हर साल 21 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन उन पुलिसकर्मियों की स्मृति में समर्पित है जिन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा, शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी। यह दिवस न केवल उनकी शहादत को याद करने का अवसर है, बल्कि पुलिस बल के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का भी प्रतीक है। इस दिवस की शुरुआत 21 अक्टूबर 1959 को घटी एक ऐतिहासिक घटना से हुई। उस दिन लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र (Hot Springs, Ladakh) में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के एक गश्ती दल पर चीनी सैनिकों ने घात लगाकर हमला किया। इस हमले में सीमा की रक्षा करते हुए 10 भारतीय पुलिसकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए।

इस घटना के बाद 1960 से प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को “पुलिस स्मृति दिवस” मनाने की परंपरा शुरू की गई, ताकि उन बहादुर पुलिस जवानों के बलिदान को सदैव याद रखा जा सके।

Tags: cm yogiPolice Memorial Day
Previous Post

आधुनिक युग में अपराध का स्वरूप बदल रहा है, पुलिस की भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण हो रही

Next Post

CM नीतीश ने BJP की महिला उम्मीदवार को पहनाई माला, तेजस्वी ने कसा तंज़

Writer D

Writer D

Related Posts

Govardhan Puja
धर्म

इन बधाई संदेशों के साथ अपने प्रियजनों को दें गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं

22/10/2025
TV
Main Slider

इस दिशा में न रखें टीवी, घर में उत्पन्न हो सकती है कलह की स्थिति

22/10/2025
upma
Main Slider

त्योहारों के बाद खाना है कुछ लाइट तो बनाएं ये मजेदार डिश

22/10/2025
wrinkles
Main Slider

झुर्रियों से मिलेगा छुटकारा, ऐसे करें इन ऑयल का यूज

22/10/2025
sensitive skin
फैशन/शैली

डेड स्किन फेस से हटाने के लिए करें ये आसान उपाय

22/10/2025
Next Post
cm nitish kumar

CM नीतीश ने BJP की महिला उम्मीदवार को पहनाई माला, तेजस्वी ने कसा तंज़

यह भी पढ़ें

amazon great indian festivals

17 अक्टूबर से शुरू होगी Amazon की ‘ग्रेट इंडियन फेस्टिवल’ सेल

06/10/2020
गैंगस्टर विकास दुबे

गैंगस्टर विकास दुबे ने अमर दुबे की शादी में दारोगा से बोला था, डरो नहीं पास आओ

16/07/2020
Innovation

युवा कल्याण विभाग की नायाब पहल, नवाचरियों एवं निवेशकों को देंगे एक मंच

05/01/2023
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version