लखनऊ। शहर का प्रतिष्ठित मंदिर हनुमान सेतु (Hanuman Setu) का एक हिस्सा रविवार को जर्जर हो कर गिर गया। गोमती नदी पर बने हनुमान सेतु से गुजरने वाले हजारों लोगों के नजर में यह जर्जर व्यवस्था दिखायी दी।
लखनऊ विश्वविद्यालय के निकट गोमती नदी के किनारे विश्व प्रसिद्ध संत नीम करौरी बाबा के हाथों स्थापित हनुमान मंदिर बना है। हनुमान मंदिर के बगल में नदी के ऊपर बने पुल को एक समय के बाद हनुमान सेतु (Hanuman Setu) कहा जाने लगा। इसकी प्रसिद्धी हनुमान मंदिर से जुड़ गयी और लखनऊ वासियों को इसे हनुमान सेतु कहने की आदत हो गयी।
हनुमान सेतु (Hanuman Setu) का इतिहास 55 वर्ष पुराना है। 26 जनवरी 1967 को हनुमान सेतु का निर्माण तब हुआ था, जब बाबा नीम करौरी के तपोस्थली तक गोमती नदी का पानी आ गया और उनसे मिलने जुलने वाले लोगों को बाबा तक पहुंचने में कठनाई होने लगी। तभी प्रदेश सरकार ने हनुमान सेतु का निर्माण कराया था।
बीते दिनों लखनऊ में हुई बारिश के बाद हनुमान सेतु (Hanuman Setu) के ऊपर बने खम्भे और उसमें लगी जाली जर्जर हो गयी। रविवार को सुबह हनुमान सेतु से गुजरते हुए खम्भे और जाली के हिस्से को टूटा हुआ देखा गया। टूट के गिरने के कारण उधर से गुजरते हुए सभी वाहन चालकों की नजर उस पर गयी और कुछ लोगों ने अपने वाहनों की रफ्तार कम कर के उसे देखा।
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लखनऊ में गोमती नदी पर बने पुलों में हनुमान सेतु (Hanuman Setu) पुल की स्थिति थोड़ी कम अच्छी कही जाती है। आजकल हनुमान सेतु पर पैदल आने जाने वाले लोगों के लिए पैदलपथ बनाया जा रहा है। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत सेतु पर हो रहे कार्य में ही जर्जर व्यवस्था को बदला जा सकता है।