बलिया। सात साल की मासूम के साथ दुष्कर्म (Rape) के आरोपित को न्यायालय ने 22 दिन में ही सजा सुना दी। विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कोर्ट नंबर आठ द्वारा अभियुक्त रोहित चौहान को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) के साथ ही अर्थदंड की सजा दी है।
बीते साल पांच सितम्बर को नगरा थाने के एक गांव में टॉफी का लालच देकर रोहित चौहान पुत्र लक्ष्मण ने सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में धारा 376एबी, 506 आईपीसी 5 एम/6 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और साक्ष्य जुटाए। पुलिस की तत्परता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महज तीन महीने में ही उसने चार्जशीट भी दाखिल कर दी।
पुलिस के तीन जनवरी को आरोप पत्र दाखिल करने के बाद विशेष लोक अभियोजक राकेश कुमार पाण्डेय ने प्रभावी पैरवी की। जिसका नतीजा यह हुआ कि 19 जनवरी को सुनवाई पूरी हो गई। 25 जनवरी को कोर्ट ने सजा भी दे दी। मात्र 22 दिन के भीतर न्यायालय द्वारा धारा 5 एम/6 पाक्सो एक्ट के तहत दोषी पाते हुए अभियुक्त रोहित चौहान पुत्र लक्ष्मण चौहान निवासी खरूआव थाना नगरा को आजीवन कारावास की सजा सुनाने और अर्थ दण्ड से दण्डित किए जाने की काफी चर्चा हो रही है।
अपर पुलिस अधीक्षक डीपी तिवारी ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है। इस मामले में मिशन शक्ति तीन अभियान के तहत पुलिस की तत्परता से महज 22 दिनों में न्यायालय द्वारा पाक्सो एक्ट के अपराध में अभियुक्त को दंडित किया गया है। पुलिस द्वारा उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार साक्ष्य शीघ्र न्यायालय में निस्तारण कराने पर बल दिया जा रहा है। जिसके चलते नतीजे सामने आ रहे हैं ।