लखनऊ। निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों की लामबंदी के बीच केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (Central Electricity Authority) ने नए वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश (UP) में अब तक के सर्वाधिक 1,59,000 मिलियन (एक मिलियन बराबर 10 लाख) यूनिट से ज्यादा बिजली की आवश्यकता का अभूतपूर्व आकलन पेश किया है। इसके अनुरूप आपूर्ति के लिए राज्य सरकार को अनेक मोर्चों पर बहुत कुशल प्रबंधन करना होगा।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (Central Electricity Authority) ने वर्ष 2022-23 के लिए देश के विभिन्न राज्यों में बिजली की आवश्यकता का आकलन किया है। उसके मुताबिक उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र के बाद दूसरा ऐसा राज्य होगा जहां बिजली की सबसे ज्यादा जरूरत होगी। आकलन के अनुसार महाराष्ट्र में जहां नये वित्त वर्ष में 2,00,288 मिलियन यूनिट बिजली की जरूरत होगी, वहीं उत्तर प्रदेश में 1,59,412 मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता पड़ेगी।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बृहस्पतिवार को बताया कि उत्तर प्रदेश के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा आकलन है। वर्तमान में राज्य में एक साल में लगभग 1,15,000 से लेकर 1,20,000 मिलियन यूनिट तक बिजली की जरूरत पड़ती है। ऐसे में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 में उत्तर प्रदेश में 1,59,412 मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता का आकलन चौंकाने वाला है। हालांकि, इसे अप्रत्याशित नहीं कहा जा सकता, क्योंकि बढ़ती गर्मी में अप्रैल-मई के बजाय मार्च से ही प्रदेश में बड़े पैमाने पर एयर कंडीशनर चलाने से बिजली की खपत बहुत तेजी से बढ़ गयी है।
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उन्होंने कहा कि इस अभूतपूर्व खपत को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को कई मोर्चों पर बहुत कुशल प्रबंधन करना होगा। खासतौर पर तब, जब निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारी आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बिजली कर्मचारियों ने सरकार की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ पिछले 28 और 29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल की थी और उनके इस संघर्ष के अभी और तेज होने के आसार हैं।
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सरकार को इस अनुमानित मांग की पूर्ति करने के लिए अपने सभी बिजली खरीद समझौतों की तत्काल समीक्षा करनी होगी और जिनसे बिजली नहीं खरीदी जा रही है, उन्हें भी इस खरीद के लिए तैयार रखा जाये। विद्युत संयंत्रों का बेहतर रखरखाव हो ताकि बीच में बिजली आपूर्ति बंद न करनी पड़े। बिजली उत्पादन के लिए कोयले तथा पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। इसके अलावा फीडर बैलेंसिंग करनी होगी और स्टोर में पर्याप्त सामान की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। जो आकलन सामने आया है उसके मद्देनजर सभी बिजली कंपनियों के प्रबंधन और डिस्कॉम के अभियंता और अन्य अफसरों को अभी से कमर कसनी होगी।