• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

इस कारण हर साल निकाली जाती है जगन्नाथ रथ यात्रा

Writer D by Writer D
24/04/2024
in धर्म, फैशन/शैली
0
Jagannath Rath Yatra

Jagannath Rath Yatra

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा को रथ महोत्सव और गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। इस बार जगन्नाथ रथ यात्रा ( Jagannath Rath Yatra) 7 जुलाई से शुरू होने जा रही है। शास्त्रों के अनुसार, इस विशेष अवसर पर भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती है। ऐसा करने से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। भगवान जगन्‍नाथ की रथयात्रा का त्‍योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। आइए, जानते हैं कि हर साल क्यों जगन्नाथ रथ यात्रा ( Jagannath Rath Yatra)  क्यों आयोजित की जाती है।

पद्म पुराण के अनुसार, एक बार भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर भ्रमण की इच्छा व्यक्त की। इसके लिए भगवान जगन्नाथ ने सुभद्रा को रथ पर बैठाया और उन्हें नगर दिखाया। इस दौरान वह अपनी मौसी के घर भी गए। जहां वह सात दिनों तक रहे। ऐसा माना जाता है कि तब से हर साल भगवान जगन्नाथ को निर्वासित करने की परंपरा जारी है।

जगन्नाथ रथ यात्रा ( Jagannath Rath Yatra) की खासियत

– भगवान जगन्नाथ के रथ में 16 पहिये होते हैं। रथ को शंखचूड़ की रस्सी से खींचा जाता है। रथ को बनाने में नीम की लकड़ी का उपयोग किया जाता है।
– इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और देवी सुभद्रा तीन विशाल और भव्य रथों पर विराजित किए जाते हैं। सबसे आगे बलराम जी का रथ चलता है, बीच में बहन सुभद्रा होती हैं और पीछे भगवान जगन्नाथ जी का रथ चलता है।
– रथ को बनाने में कील का उपयोग नहीं किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, किसी भी आध्यात्मिक कार्य में कील या कांटों का प्रयोग करना अशुभ माना जाता है।
– बता दें कि भगवान बलराम और देवी सुभद्रा का रथ लाल रंग का होता है और भगवान जगन्नाथ का रथ लाल या पीले रंग का होता है।

Tags: Jagannath Rath Yatra 2024Jagannath Rath Yatra dateSri Jagannath Rath Yatra
Previous Post

संकष्टी चतुर्थी पर करें यह उपाय, आय में होगी वृद्धि

Next Post

दूसरे चरण के लिए आज शाम थम जाएगा चुनाव प्रचार, यूपी की इन सीटों पर होगी वोटिंग

Writer D

Writer D

Related Posts

Bhagavad Gita
Main Slider

अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बड़ा चमत्कार! आग के बीच भी भगवद गीता रही सुरक्षित

13/06/2025
lips
Main Slider

होंठों का कालापन दूर करने के लिए करें ये उपाय

13/06/2025
Glowing Skin
फैशन/शैली

बहुत काम के है छिलके, आजमाएं इससे बने ये फेस पैक

13/06/2025
unwanted hair
फैशन/शैली

अनचाहे बालों को हटाने के लिए आजमाए ये टिप्स

13/06/2025
Face Pack
Main Slider

चेहरे की खो गई है रौनक, वापस पाने के लिए ट्राई करे ये फेसपैक

13/06/2025
Next Post
Lok Sabha Elections

दूसरे चरण के लिए आज शाम थम जाएगा चुनाव प्रचार, यूपी की इन सीटों पर होगी वोटिंग

यह भी पढ़ें

CM Dhami

जनहित में पत्रावलियों को सकारात्मक दिशा में लें: सीएम धामी

27/12/2022
Road Accident

होली पर हादसों ने छीनी 56 जिंदगियां

19/03/2022
Ganesha

गणपति के हर अंग देता है जीवन में आगे बढ़ने की सीख

04/09/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version