श्रीनगर। जम्मू कश्मीर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Gulam Nabi Azad) को अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन अब कुछ ही घंटों बाद गुलाम नबी आजाद ने उस पद से इस्तीफा दे दिया है। अभी तक कारण स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस नेता ने कुछ घंटे बाद ही पार्टी द्वारा दिए गए पद से इस्तीफा क्यों दिया, लेकिन राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
जानकारी के लिए बता दें कि मंगलवार को कांग्रेस ने अपने जम्मू-कश्मीर संगठन में बड़ा बदलाव किया था। संगठन को और ज्यादा मजबूत करने के लिए कई नई नियुक्तियां की गई थीं। पार्टी ने वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को अभियान समिति का अध्यक्ष और तारिक हामिद कर्रा उपाध्यक्ष नियुक्त किया था।
गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad ) को राजनीतिक मामलों की समिति और समन्वय समिति का प्रमुख भी बनाया गया था। वहीं घोषणापत्र समिति का प्रमुख प्रो. सैफुद्दीन सोज और उपाध्यक्ष अधिवक्ता एमके भारद्वाज को बनाया गया था। प्रचार और प्रकाशन समिति का अध्यक्ष मूला राम नियुक्त हुए थे।
अखिलेश यादव ने CBSE परीक्षा में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को दिया लैपटॉप
लेकिन इन नियुक्तियों के कुछ घंटे बाद ही गुलाम नबी आजाद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अब कहने को गुलाम नबी को प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन उनके इस्तीफे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या वे इस पद से खुश नहीं थे? क्या वे पार्टी से किसी दूसरे पद की उम्मीद लगाए बैठे थे? अभी तक गुलाम नबी आजाद या फिर कांग्रेस ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
सोनिया की इच्छा, क्यों खिलाफ गुलाम नबी?
वैसे कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी चाहती थीं कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में लड़े, इसी वजह से उन्हें ये बड़ा पद दिया गया था। लेकिन उस पद को स्वीकार कर फिर इस्तीफा देने की वजह से राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो चुका है। क्या जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है? क्या गुलाम नबी आजाद किसी बात से खफा चल रहे हैं? सवाल कई हैं, लेकिन जवाब या तो गुलाम नबी आजाद दे सकते हैं या पार्टी कोई बयान जारी करेगी।