भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) अध्यक्ष नरेश टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र और प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकारों ने अड़ियल रवैया अपनाया हुआ है और अब सरकार किसान संगठनों में फूट डालने का प्रयास कर रही है।
बागपत के बड़ौत कस्बे में श्री टिकैत ने पत्रकारों से गुरूवार को कहा कि 22 दिन किसान आंदोलन को चलते हो गए। यदि सरकार चाहती तो अभी तक हल निकल चुका होता। सरकार किसानों को हल्के में ले रही है। धरने पर बैठे किसानों के संगठन अलग अलग हो सकते हैं लेकिन मंजिल सभी की एक ही है। सरकार कृषि कानून में संशोधन करने को तैयार हो और दो कदम सरकार पीछे हटे और दो कदम किसान। तभी इस आंदोलन का हल निकलेगा।
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उन्होने कहा कि कई किसान इस आंदोलन के दौरान शहीद भी हो चुके हैं। एक किसान ने तो गोली मारकर हत्या कर ली। किसान जानते हैं कि ये काले कानून उन्हें बर्बाद कर देंगे। सरकार टकराव चाहती है लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से इस आंदोलन में मौजूद रहे।
किसान नेता ने कहा कि खाप चौधरियों की सौरम में आज मीटिंग हुई थी जिसमें सिंधु बॉर्डर पहुंचने का निर्णय लिया जा चुका है। अब इस पूरे प्रकरण में उच्चतम न्यायालय भी आ चुकी है। ऐसा भी नहीं है कि किसान हठधर्मी है। हठधर्मिता तो सरकार कर रही है। तभी तो छह दौर की बातचीत विफल हो चुकी है। किसान पीछे हटने को भी तैयार हैं।
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हमें उम्मीद है कि बीच का रास्ता अवश्य निकलेगा और समाधान भी होगा। उच्चतम न्यायालय बीच में आ गया है। अब उन्हें उम्मीद है कि मामला सुधरेगा। सरकार को चाहिए कि वह अपनी सरकार में शामिल राजनाथ सिंह जैसे अच्छे नेताओं को भी साथ ले।