हाथरस गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने साजिश का दावा किया था। इस दावे के बाद एजेंसियां चौकन्नी हो गई है और हाथरस आने-जाने वालों पर नजर रखी जा रही है। इस बीच मथुरा में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह चारों हाथरस जा रहे थे। इन चारों का संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से बताया जा रहा है।
दरअसल, मथुरा में गाड़ियों की चेकिंग की जा रही थी। इसी दौरान ये चारों दिल्ली नंबर प्लेट की गाड़ी से चेकिंग प्वाइंट पर पहुंचे। इनमें एक मल्लापुरम का रहने वाला है, जबकि बाकी मुजफ्फरनगर, बहराईच और रामपुर के रहने वाले हैं। पुलिस ने इन चारों के पास से मोबाइल, लैपटॉप और संदिग्ध साहित्य बरामद किया है।
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गिरफ्तार किए गए चारों लोगों का संबंध पीएफआई और सीएफआई (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया) से बताया जा रहा है। फिलहाल, पुलिस पूछताछ कर रही है। इसके साथ ही हाथरस के बहाने माहौल खराब करने वालों पर पुलिस की खास नजर है। कल ही यूपी सरकार ने दावा किया था कि हाथरस के बहाने प्रदेश में जातिय हिंसा करने की साजिश रची जा रही है।
हाथरस कांड में दलित लड़की के लिए इंसाफ की जंग के बीच क्या उत्तर प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की साजिश हो रही थी? ये सवाल उठा है यूपी सरकार के उस दावे से, जिसमें खुलासा हुआ है कि शहर दर शहर हिंसा की आग भड़काने का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया था। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी को दंगों की आग में झुलसाने की साजिश का दावा किया है।
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उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि इंसाफ की लड़ाई और सियासत के बीच इतनी गहरी साजिश रची गई थी कि अगर ये कामयाब होती तो यूपी जल उठता। सबसे पहले जस्टिस फॉर हाथरस नाम से वेबसाइट तैयार की गई। वेबसाइट पर आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री अपलोड की गई। वेबसाइट पर बताया गया था कि कैसे दंगे करें।
इसके अलावा वेबसाइट पर बताया गया कि दंगे में शामिल होने वाले आरोपी कैसे अपना बचाव करें. इतना ही नहीं हाथरस के परिवार को मदद के नाम पर फंडिंग की जा रही थी। यूपी सरकार की मानें तो साजिश बेहद खतरनाक थी, लेकिन गनीमत ये रही कि वक्त रहते इस पर से पर्दा उठ गया।