उत्तर प्रदेश में संतकबीरनगर जिले की जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मी कांत शुक्ल ने हत्या के मामले में एक अभियुक्त को आजीवन कारावास व 20 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया जबकि उसके पिता बरी कर दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार छह दिसम्बर 2016 को महुली थाने पर मथुरापुर निवासी हरिश्चन्द्र और उसके पिता बैजनाथ के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मी कांत शुक्ल ने हरिश्चन्द्र को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर एक वर्ष के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अदालत ने सहअभियुक्त बैजनाथ शर्मा संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।
गौरतलब है कि खलीलाबाद कोतवाली इलाके के झीनखाल गिरिजा शंकर की पुत्री श्रीमती सुनीता की दहेज की मांग को लेकर छह दिसम्बर 2016 को हत्या कर दी गयी थी।