प्रयागराज। उमेश पाल किडनैपिंग केस में माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) को उम्रकैद की सजा मिल चुकी है। प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट के जज डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ला (Dr. Dinesh Chandra Shukla) ने इस सजा का ऐलान किया। अतीक को 44 साल में पहली बार किसी केस में सजा देने वाले जज डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ला की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उनके आवास के बाहर सुरक्षाकर्मियों को बढ़ा दिया गया है।
यूपी पुलिस के टॉप अफसरों के मुताबिक, लोकल पुलिस ने अपने स्तर पर पर्याप्त सुरक्षा जज दिनेश चंद्र शुक्ला (Dr. Dinesh Chandra Shukla) को प्रदान की है। इतनी ही नहीं कोर्ट परिसर की भी सुरक्षा कड़ी की गई है। अभी उन्हें किसी श्रेणी की सुरक्षा नहीं मिली है। पुलिस अफसरों का कहना है कि किसी को सुरक्षा देने के लिए मीटिंग होती है, तब जाकर तय होता है।
10 जजों ने अतीक के केस से किया था खुद को अलग
आपको जानकर हैरानी होगी कि एक दौर ऐसा था कि अतीक अहमद के मामले की सुनवाई करने से भी जज कतराते थे। उसके एक केस की सुनवाई से 10 जजों ने खुद को अलग कर लिया था। दरअसल, 2012 में अतीक अहमद का खौफ इस कदर था कि उसके बेल अप्लीकेशन पर सुनवाई से हाई कोर्ट के 10 जजों ने खुद को अलग कर लिया था।
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इसके बाद सुनवाई के लिए 11वें जज ने हामी भरी और अतीक अहमद को बेल दे दी थी। अतीक 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए जेल से बाहर आना चाहता था और 11वें जज ने उसको बेल भी दे दी, लेकिन वह विधानसभा चुनाव होर गया था। हालांकि, 2012 में सपा सरकार बन गई और अतीक अतीक ने दोबारा अपनी हनक बनाने का पूरा प्रयास किया।
17 साल पुराने मामले में अतीक समेत 3 आरोपी दोषी करार
बता दें, यूं तो अतीक पर 100 से अधिक आपराधिक केस दर्ज हैं, लेकिन 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में आज प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बाहुबली अतीक अहमद समेत 3 आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने अपहरण के इस मामले में अतीक के अलावा हनीफ, दिनेश पासी को भी दोषी पाया है। जबकि, अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया गया।