• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

चीन के नए पैंतरे पर भारत का दो टूक जबाव, हम 1959 की LAC को नहीं मानते

Desk by Desk
29/09/2020
in Main Slider, अंतर्राष्ट्रीय, ख़ास खबर, नई दिल्ली, राजनीति, राष्ट्रीय
0
हम 1959 की LAC को नहीं मानते we do not accept the LAC of 1959

हम 1959 की LAC को नहीं मानते

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नई दिल्ली। भारत ने चीन के नए पैंतरे का मंगलवार को करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि उसने 1959 में एकतरफा रूप से परिभाषित तथाकथित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को कभी स्वीकार नहीं किया है। चीनी पक्ष सहित सभी इस बारे में जानते हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने उम्मीद व्यक्त की है कि पड़ोसी देश तथाकथित सीमा की अपुष्ट एकतरफा व्याख्या करने से बचेगा। चीन के इस नजरिए को नई दिल्ली ने खारिज किया कि बीजिंग एलएसी की अवधारणा पर 1959 के अपने रुख को मानता है।

बिहार विधानसभा चुनाव : मायावती बोलीं-गठबंधन को बहुमत मिला तो उपेंद्र कुशवाहा होंगे मुख्यमंत्री

पूर्वी लद्दाख में लगभग पांच महीने से चले आ रहे गतिरोध के बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग एलएसी की अवधारणा के बारे में 1959 के अपने रुख को मानता है। चीन के बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मुद्दे पर मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत ने कभी भी 1959 में एकतरफा रूप से परिभाषित तथाकथित वास्तविक नियंत्रण रेखा को स्वीकार नहीं किया है। यही स्थिति बरकरार रही है और चीनी पक्ष सहित सभी इस बारे में जानते हैं।

श्रीवास्तव की यह टिप्पणी तब आई जब चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा था कि चीन सात नवंबर 1959 को अपने तत्कालीन प्रधानमंत्री चाऊ एनलाई द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को भेजे गए एक पत्र में प्रस्तावित की गई एलएसी को मानता है।

यूपी-बिहार जानें वाली ट्रेनें 25 अक्टूबर से 10 दिसंबर तक फुल, दिवाली, छठ पर घर पहुंचना मुश्किल

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों का हवाला दिया है, जिनमें 1993 में एलएसी पर शांति एवं स्थिरता बनाए रखने संबंधी समझौता, 1996 में विश्वास बहाली के कदमों से संबंधित समझौता और 2005 में सीमा मुद्दे के समाधान के लिए राजनीतिक मानकों तथा निर्धारक सिद्धांतों से संबंधित समझौता भी शामिल है। उन्होंने इन समझौतों का जिक्र यह बताने के लिए किया कि दोनों पक्षों ने एलएसी संरेखण पर पारस्परिक सहमति पर पहुंचने की प्रतिबद्धता जताई थी।

श्रीवास्तव ने कहा कि इसलिए, अब चीनी पक्ष का यह कहना, कि केवल एक ही एलएसी है। इन समझौतों में चीन द्वारा की गईं सभी प्रतिबद्धताओं के पूरी तरह विपरीत है। उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष ने एलएसी का हमेशा सम्मान और पालन किया है।

संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हालिया संबोधन का जिक्र करते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि यह चीनी पक्ष है जिसने पश्चिमी सेक्टर के विभिन्न हिस्सों में एलएसी पर अतिक्रमण के अपने प्रयासों से यथास्थिति को एकतरफा ढंग से बदलने की कोशिश की है।

चीन का ये वायरस भारत में मचा सकता है कोहराम , ICMR ने जारी की चेतावनी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि चीन ने पिछले कुछ महीनों में बार-बार दोहराया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में वर्तमान स्थिति का समाधान दोनों देशों के बीच हुए समझौतों के अनुरूप किया जाना चाहिए। श्रीवास्तव ने कहा कि 10 सितंबर को विदेश मंत्री और उनके चीनी समकक्ष के बीच हुए समझौते में भी चीनी पक्ष ने सभी मौजूदा समझौतों का पालन करने की अपनी कटिबद्धता दोहराई है। उन्होंने कहा कि इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष ईमानदारी से सभी समझौतों और सहमति का पूरी तरह पालन करेगा तथा एलएसी की एकतरफा अपुष्ट व्याख्या करने से बचेगा।

Tags: hindi newsindia chinaIndia China 1959 LACLine of Actual Control 1959Ministry of External Affairsnews in hindiwe do not accept the LAC of 1959इंडिया चाइनाभारत चीन 1959 एलएसीभारत-चीनवास्तविक नियंत्रण रेखा 1959विदेश मंत्रालय
Previous Post

यूपी-बिहार जानें वाली ट्रेनें 25 अक्टूबर से 10 दिसंबर तक फुल, दिवाली, छठ पर घर पहुंचना मुश्किल

Next Post

बाबरी विध्वंस केस पर ऐतिहासिक फैसला कल, अयोध्या समेत पूरी यूपी में हाई अलर्ट

Desk

Desk

Related Posts

Bioplastics
उत्तर प्रदेश

यूपी में गाय के गोबर से बनेगा कपड़ा और बायोप्लास्टिक

01/08/2025
Rahul Gandhi
राजनीति

चुनाव आयोग करवाता है वोट चोरी, हमारे पास हैं सबूत : राहुल

01/08/2025
Lok Sabha
राजनीति

बिहार मतदाता सूची पर विपक्ष का लोकसभा में हंगामा, कार्यवाही दो बजे तक स्थगित

01/08/2025
DM Savin Bansal
Main Slider

पिता का आकस्मिक निधन; पढाई पर संकट; जिला प्रशासन ने थामा रिहान का हाथ

01/08/2025
cm yogi
Main Slider

यूपी को फुटवियर-लेदर विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाएगी नई नीति : मुख्यमंत्री

01/08/2025
Next Post
babri masjid demolition case

बाबरी विध्वंस केस पर ऐतिहासिक फैसला कल, अयोध्या समेत पूरी यूपी में हाई अलर्ट

यह भी पढ़ें

Ajay Kumar Lallu

लचर कानून व्यवस्था से प्रदेश में अपराधों की बाढ़ आ गई है : लल्लू

28/09/2020
मिलिंद सोमन

मिलिंद सोमन ने शेयर की अपनी शर्टलेस फोटो

22/07/2020
Ram Navami

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी, इन संदेशों के साथ अपनों को दें शुभकामनाएं

17/04/2024
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version