वाराणसी। प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र काशी से समाजवादी पार्टी (SP) सहित विरोधी दलों पर जमकर निशाना साधा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में अपराधी बाबा विश्वनाथ मंदिर से सोना काटकर ले गए थे। तब काशी में घाटों पर, मंदिरों पर बम विस्फोट होते थे। आतंकवादी बेखौफ थे, क्योंकि तब की समाजवादी सरकार उनके साथ थी। सपा सरकार आतंकियों से खुलेआम मुकदमे वापस ले रही थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी कोतवाल बाबा कालभैरव के आगे इनकी चलने वाली थी क्या? त्रिशूल के आगे कोई माफिया, कोई आतंकी कभी टिक सकता है क्या? आज सब अपने ठिकाने पर हैं और कालजयी काशी देश को दिशा दिखा रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने काशी को विकास से वंचित कर रखा था। जब ये घोर परिवारवादी सरकार में थे, तो यूपी के विकास के लिए, गरीबों के लिए हम जो भी काम लेकर आते थे, उसमें ये अड़ंगा लगा देते थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कालांतर में राजनीति के स्तर में आ रही निरंतर गिरावट का जिक्र करते हुए कहा है कि सार्वजनिक रूप से अब उनकी मृत्यु तक की कामना की जाने लगी है, लेकिन यह उनका परम सौभाग्य होगा कि उनके जीवन का अंत देश की सेवा करते हुए इसी काशी में हो।
मोदी ने रविवार को वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं के बूथ विजय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “हम सभी ने देखा कि भारत की राजनीति में कुछ लोग किस हद तक नीचे गिर गए हैं। मैं किसी की व्यक्तिगत आलोचना करना पसंद नहीं करता और ना ही किसी की आलोचना करना चाहता हूं लेकिन जब सार्वजनिक रूप से काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई, तो वाकई मुझे बहुत आनंद आया, मेरे मन को बहुत सुकून मिला।”
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी का साफ इशारा समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के उस बयान की ओर था जिसमें उन्होने मोदी के काशी प्रवास पर तंज कसते हुए कहा था कि अंतिम समय में लोग काशी ही जाते हैं।
मोदी ने अपने राजनीतिक विरोधियों पर तंज कसते हुए कहा, “मुझे लगा कि मेरे घोर विरोधी भी ये देख रहे हैं कि काशी के लोगों का मुझ पर कितना स्नेह है। उन लोगों ने तो मेरे मन की मुराद पूरी कर दी। इसका मतलब ये है कि मेरी मृत्यु तक न काशी के लोग मुझे छोड़ेंगे और ना ही काशी मुझे छाेड़ेगी।”
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प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं पर भावनात्मक असर छोड़ते हुए कहा, “मुझे विश्वास है कि काशी की सेवा करते हुए अगर मेरी मृत्यु लिखी होगी तो इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या होगा। बाबा भोलेनाथ के भक्तों की सेवा करते हुए अगर चला जाऊं तो इससे बड़ा सुख क्या हो सकता है।” उन्होंने अपने विरोधियों को आगाह करते हुए काशी के महत्व से अवगत कराया और कहा, “उन घोर परिवारवादियों को यह मालूम नहीं है कि यह जिंदा शहर बनारस है। ये बनारस मुक्ति के रास्ते खोलता है और अब बनारस विकास के जिस रास्ते पर चल पड़ा है वह देश के लिये गरीबी से मुक्ति के रास्ते भी खोलेगा, अपराध से मुक्ति के रास्ते खोलेगा। यही मार्ग परिवारवाद में जकड़े भारत के लाेकतंत्र को भी मुक्ति का रास्ता दिखायेगा।”
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उन्होंने कहा कि परिवारवादियों ने यह धारणा बना रखी थी कि बनारस बदहाल रहा है और ऐसा ही रहेगा। लेकिन बीते पांच साल में डबल इंजन की सरकार ने यूपी के विकास की पूरी ईमानदारी से कोशिश की है। उन्होंने कहा कि मैंने इस बार लाल किले से कहा है कि 100 फीसदी लाभार्थियों तक जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचना चाहिए। जब ऐसा होगा तो न तुष्टिकरण की कोई संभावना होगी, न किसी भेदभाव की। इस काम में भाजपा कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी भूमिका है।
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प्रधानमंत्री ने बूथ विजय सम्मेलन में भाजपा कार्यकर्ताओं को उनके दायित्व का एहसास कराया। उन्होंने पार्टी के सेवाभाव और कार्यकर्ताओं के समर्पण भाव के जरिये विरोधी दलों को निशाने पर लेकर कहा कि घोर परिवारवादी लोग हमारा मुकाबला नहीं कर सकते हैं। भाजपा संगठन शक्ति और कार्यकर्ताओं के बल पर चलने वाला दल है। भाजपा कार्यकर्ता अपने स्वार्थ से ऊपर उठ कर देशहित में काम करते हैं। हम सभी के लिए व्यक्ति से ऊपर दल और दल से ऊपर देश रहा है। हम चुनाव जीतने के साथ ही लोगों का दिल भी जीतते हैं।
कोरोना काल के विषम हालात का जिक्र कर प्रधानमंत्री ने कहा कि सबने देखा कि कोरोना काल में हमारे कार्यकर्ताओं ने घर-घर राशन और दवा पहुंचाई। बनारस में कितने विदेशी नागरिक फंस गए थे लेकिन काशी वासियों ने उन्हें तकलीफ नहीं होने दी। राष्ट्रवाद और सेवा की भावना भाजपा कार्यकर्ता के लिए अहम है।
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प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में फतह का टास्क देते हुए कहा कि एक-एक घर जाकर मेरा प्रणाम पहुंचाइए। मैं हर घर तक नहीं पहुंच सकता। ऐसे में आप लोग मतदान के लिए जागरण चलाएं। कोई ऐसा दरवाजा न हो जिसे हम न खटखटाएं। हमें खुद के साथ ही अन्य लोगों को भी संकल्प दिलाना है कि पहले मतदान और फिर जलपान।