लाइफ़स्टाइल डेस्क। 30 नवंबर को साल का आखिरी चंद्रग्रहम है। यह मांद्य चंद्रग्रहण है। जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा क्रमशः एक ही सीध में होते हैं या कहें चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है, तब चंद्रग्रहण लगता है। मांद्य चंद्र ग्रहण में चंद्रमा का 83% भाग पृथ्वी धूसर छाया में से होकर गुज़रेगा। मांद्य चंद्र ग्रहण में चंद्रमा का कोई भी भाग ग्रहण ग्रस्त नहीं होता इसिलिये इस ग्रहण की कोई भी धार्मिक मान्यता नहीं है | इसके अलावा ये चंद्रग्रहण वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र पर लगेगा।
यह मांद्य चंद्रग्रहण ठीक दोपहर 1 बजकर 2 मिनट पर शुरु होगा मध्य काल दोपहर 3 बजकर 12 मिनट पर होगा और शाम 5 बजकर 23 मिनट पर समाप्त हो जायेगा। लिहाजा ये ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। जबकि पूर्व एशिया, आस्ट्रेलिया उत्तर और दक्षिण अमेरिका के भागों में दिखाई देगा।
ग्रहण का सूतक काल भोर 4 बजकर 2 मिनट से शुरू हो जाएगा। चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले लगता है। लेकिन जैसा कि हमने आपको बताया कि मांद्य चंद्र ग्रहण में चंद्रमा का कोई भी भाग ग्रहण ग्रस्त नहीं होता लिहाजा इसके सूतक काल में किसी भी चीज़ की मनाही नहीं होती आप सभी कार्य कर सकते है। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए इस चंद्रग्रहण से सभी राशियों पर क्या प्रभाव होगा, ये किस स्थान पर लगा है और आपको अपनी राशि के अनुसार क्या उपाय करने चाहिए।
मेष राशि
ये ग्रहण आपके दूसरे स्थान पर लगा है और कुंडली में दूसरा स्थान धन से, आर्थिक स्थिति , कमाई , परिवार और आपके ससुराल से संबंध रखता है। साथ ही ये स्थान आपकी ताकत , आजादी , बोलने की शक्ति , आपके खान-पान और धातु तथा रत्न आदि से संबंध रखता है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको अपनी मेहनत के अनुसार धन लाभ जरूर होगा।
वृष राशि
ये ग्रहण आपके पहले स्थान पर लगा है और कुंडली में पहला स्थान आपके शरीर , प्रेम-संबंधों , मान-सम्मान और धर्म से संबंध रखता है। इसके अलावा आपकी योग्यता , जीवन में सुख , स्मरण शक्ति , मनोस्थिति और चेहरे से भी पहले स्थान का संबंध है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से शरीर में कोई परेशानी हो सकती है। शरीर में मुख्य रूप से आपको अपने चेहरे का ख्याल रखना चाहिए। इस दौरान मन विचलित हो सकता है।
मिथुन राशि
ये ग्रहण आपके बारहवें स्थान पर लगा है और कुंडली में बारहवां स्थान शैय्या सुख , विदेश यात्रा और व्यय से संबंध रखता है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको शैय्या सुख का लाभ पाने में थोड़ी मुश्किलें आ सकती है। साथ ही आपकी आर्थिक स्थिति कुछ डावांडोल हो सकती है। किसी विदेश यात्रा पर जाना पड़ सकता है।
कर्क राशि
ये ग्रहण आपके ग्यारहवें स्थान पर लगा है और कुंडली में ग्यारहवां स्थान मुख्य रूप से आपकी आमदनी और कामना पूर्ति से संबंध रखता है। साथ ही इस स्थान का संबंध पिता की सम्पत्ति, आपकी प्रसन्नता, उच्च पद, क्रय-विक्रय और हाथी-घोड़े से है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपकी सारी इच्छाएं पूरी होगी।
सिंह राशि
ये ग्रहण आपके दसवें स्थान पर लगा है और कुंडली में दसवां स्थान आपके करियर से और आपके पिता की तरक्की से संबंध रखता है। साथ ही इस स्थान का संबंध कृषि कार्यों और वैद्य अथवा डॉक्टर से है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको करियर में आगे बढ़ने के लिये अधिक मेहनत करनी होगी।
कन्या राशि
ये ग्रहण आपके नवें स्थान पर लगा है और कुंडली में नवां स्थान आपके भाग्य का स्थान है। इस स्थान का संबंध गुरु , दान , धर्म , तीर्थ यात्रा और पिता से है। साथ ही विज्ञान ,बुद्धि , भविष्य और आपके आहार से ये स्थान संबंध रखता है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको भाग्य का फल जरूर मिलेगा।
तुला राशि
ये ग्रहण आपके आठवें स्थान पर लगा है और कुंडली में आठवां स्थान आपकी आयु और आपके स्वास्थ्य से संबंध रखता है। ये चंद्रगहण आपके लिये अच्छा रहेगा। चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपका स्वास्थ्य बढ़िया रहेगा। आपकी आयु में बढ़ोतरी होगी। अतः चंद्रग्रहण के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये आपको गायत्री की साधना करनी चाहिए।
वृश्चिक राशि
ये ग्रहण आपके सातवें स्थान पर लगा है और कुंडली में सातवां स्थान आपके वैवाहिक जीवन , जीवनसाथी , पड़ोसियों और आपके व्यवहार से संबंध रखता है। साथ ही व्यापार में भागीदारी और कर्ज से भी सातवें स्थान का संबंध है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से जीवनसाथी से अनबन हो सकती है। आपके वैवाहिक जीवन में कोई तीसरा व्यक्ति मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
धनु राशि
ये ग्रहण आपके छठे स्थान पर लगा है और कुंडली में छठा स्थान मित्र, शत्रु, रोग, भाईचारे और नौकर से संबंध रखता है। इस चंद्रगहण के प्रभाव से आपको दोस्तों का पूरा सहयोग मिलेगा। साथ ही शत्रु आपसे दूरी बनाकर रखेंगे। घर या ऑफिस में आपके नौकर आपके प्रति वफादार रहेंगे। अतः इस चंद्रग्रहण के शुभ प्रभाव पाने के लिये आपको माता महालक्ष्मी की उपासना करनी चाहिए
मकर राशि
ये ग्रहण आपके पांचवें स्थान पर लगा है और कुंडली में पांचवां स्थान जीवन में विद्या , गुरु , विवेक , रोमांस , ऐश्वर्य , कला , मंत्र-यंत्र , योग , न्याय , जासूसी और संतान से संबंध रखता है। इस चंद्रगहण के प्रभाव से आपको विद्या का पूरा लाभ मिलेगा। गुरु आपके हर कदम पर साथ होंगे। विवेक बना रहेगा।
कुंभ राशि
ये ग्रहण आपके चौथे स्थान पर लगा है और कुंडली में चौथा स्थान माता, भूमि, भवन, वाहन, पशु से संबंध रखता है। साथ ही इस स्थान का संबंध आपके स्वभाव और बुढ़ापे से भी है। अगर आप बुजुर्ग हैं, तो आपके लिये ये ग्रहण काफी अच्छा है। इस दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
मीन राशि
ये ग्रहण आपके तीसरे स्थान पर लगा है और कुंडली में तीसरा स्थान भाई-बहनों , आपकी अभिव्यक्ति , पढ़ाई-लिखाई , नृत्य और गायन कला से, साथ ही आपके पराक्रम से और दूरभाष तथा फैक्स के काम से भी संबंध रखता है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको भाई-बहनों का पूरा सहयोग मिलेगा।