• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

जानिए आज के दिन क्यों महादेव और माता पार्वती के संग खेली जाती है होली

Writer D by Writer D
14/03/2022
in धर्म, फैशन/शैली
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

होली (Holi) से कुछ दिनों पहले फाल्गुन के महीने (Phalguna Month) में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi) कहा जाता है. आमतौर पर सभी एकादशी पर नारायण की पूजा होती है, लेकिन ये एकमात्र ऐसी एकादशी है, जिसमें नारायण के साथ महादेव और माता पार्वती की भी पूजा की जाती है.

उन पर रंग और गुलाल डालकर होली खेली जाती है. इस दिन आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है, इसलिए इस एकादशी को आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) और आंवला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.

इस बार रंगभरी एकादशी 14 मार्च को है. यहां जानिए रंगभरी एकादशी से महादेव और माता पार्वती का संबन्ध कैसे जुड़ा और क्यों उनके साथ होली खेलने की परंपरा शुरू हुई.

इस दिन हुआ था माता पार्वती का गौना

कहा जाता है कि महाशिवरात्रि पर माता पार्वती से विवाह करने के बाद महादेव ने रंगभरी एकादशी के दिन ही माता पार्वती का गौना करवाया था. मान्यता है कि इस दिन वो पहली बार उन्हें लेकर काशी विश्वनाथ होते हुए कैलाश पर्वत पर पहुंचे थे. उस समय बसंत का मौसम होने की वजह से चारों ओर से प्रकृति मुस्कुरा रही थी. महादेव के भक्तों ने माता पार्वती का स्वागत रंगों और गुलाल से किया था. साथ ही उन पर रंग बिरंगे फूलों की वर्षा की थी. तब से ये दिन अत्यंत शुभ हो गया और इस दिन महादेव और माता पार्वती की पूजा और उनके साथ होली खेलने का चलन शुरू हो गया.

काशी में निकलता है भव्य डोला

रंगभरी एकादशी के दिन आज भी वाराणसी में उत्सव का माहौल होता है. हर साल इस मौके पर बाबा विश्वनाथ माता पार्वती का भव्य डोला निकाला जाता है. इस मौके पर बाबा विश्वनाथ माता गौरी के साथ नगर भ्रमण करते हैं और उनके भक्त रंग और गुलाल डालकर उनका स्वागत करते हैं. इसके बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.

शोक समापन का दिन

हिंदू समाज में जब किसी की मृत्यु हो जाती है, तो शादीशुदा बेटी किसी बड़े त्योहार से पहले अपने मायके मिठाई लेकर त्योहार उठाने के लिए जाती है. इसके बाद मृत्यु के शोक को समाप्त करके फिर से परिवार में शुभ कार्य शुरू किए जा सकते हैं. होली से कुछ दिन पड़ने वाली रंगभरी एकादशी को शोक समापन के लिहाज से काफी शुभ दिन माना जाता है.

Tags: Holiholi 2022holi celebrationHoli dateholi kathaHoli Newsholi storiesholi timeHolika Dahan
Previous Post

होलिका की राख़ से करें ये उपाए, पूरे साल रहेंगे खुशहाल

Next Post

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा कोरोना पॉजिटिव, खुद दी जानकारी

Writer D

Writer D

Related Posts

Potato Patties
खाना-खजाना

शाम की चाय के साथ बनाये ये, ऐसे आएगा बाजार जैसा स्वाद

10/11/2025
Mango Barfi
खाना-खजाना

इस बर्फी से मुंह करें मीठा, स्वाद ऐसा की सब हो जाएंगे दीवाने

10/11/2025
potato roll
Main Slider

हल्की-फुल्की भूख में ले इस डिश का लुत्फ, स्वाद पर सब हो जाते हैं फिदा

10/11/2025
terrace garden
फैशन/शैली

इस तरह सजाए अपना टेरेस गार्डन, घर की खूबसूरती में लग जाएंगे चार चांद

10/11/2025
tulsi
Main Slider

तुलसी के पास भूल कर भी न रखें ये चीजें, आर्थिक समस्याओं से घिर जाएंगे

10/11/2025
Next Post

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा कोरोना पॉजिटिव, खुद दी जानकारी

यह भी पढ़ें

STF ने मादक पदार्थ तस्कर को किया गिरफ्तार, मैफाड्रोन ड्रग्स बरामद

10/11/2021
CM Yogi

UP T20 लीग युवाओं के लिए बेहतर, प्रदेश में बन रहे कई क्रिकेट स्टेडियम- सीएम योगी

06/09/2025
helicopter crash

हेलिकॉप्टर दुर्घटना में पांच लोगों की मौत, आयोग ने शुरू की जांच

30/01/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version