लुम्बिनी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (pm modi) और नेपाल के प्रधानमंत्री शेरबहादुर देऊबा ने वैशाख बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) के अवसर पर आज यहां लुम्बनी मठ में भारत के सहयोग से बनने वाले इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बौद्ध कल्चर एंड हेरिटेज का शिलान्यास किया।
श्री मोदी (pm modi) नेपाल में अपनी यात्रा के कार्यक्रम में मायादेवी मंदिर के दर्शन करने के बाद लुम्बिनी मठ के पश्चिमी भाग में पहुंचे जहां एक बड़े पंडाल में शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। पंडाल में दस से अधिक लामा मौजूद थे। श्री मोदी, श्री देऊबा और उनकी पत्नी श्रीमती आरज़ू राणा देऊबा ने सबसे पहले वहां रखी एक एक बुद्ध प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद वे शिलान्यास स्थल की ओर गये और वहां तीन चौकियों पर दोनों प्रधानमंत्री बैठे। श्रीमती देऊबा चौकी पर नहीं बैठीं और श्री देऊबा के पीछे खड़ी हो गयीं।
इसके बाद लामाओं ने बौद्ध मंत्रों का उच्चारण शुरू किया जो करीब 15 मिनट तक चला। इस दौरान श्री मोदी आंखें बंद करके श्रद्धाभाव से हाथ जोड़े रहे। मंत्रोच्चार के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों ने पूजन के पश्चात एक शिला को नींव में मिलकर रखा। इसके पश्चात श्री मोदी ने वहां मौजूद लामाओं को एक एक शाल एवं कुछ दक्षिणा का लिफाफा भेंट किया।
Lumbini, Nepal | PM Modi along with Nepal PM Sher Bahadur Deuba lays foundation stone for the construction of a centre for Buddhist culture & heritage, in a plot belonging to the International Buddhist Confederation (IBC), Delhi within the Lumbini Monastic Zone pic.twitter.com/BORvjJdcMk
— ANI (@ANI) May 16, 2022
लुम्बिनी में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बौद्ध कल्चर एंड हेरिटेज का निर्माण नयी दिल्ली स्थित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ की पहल पर हो रहा है। इस केन्द्र की आकृति कमल के पुष्प के समान है। नीचे कमल दल के आकार के बड़े हॉल और ऊपर कमल की पंखुड़ियों की आकृति सुनहरे रंग की होगी।
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श्री मोदी (pm modi) ने नेपाल यात्रा पर जाने के पूर्व अपने वक्तव्य में कहा था, “लुंबिनी मठ क्षेत्र में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बौद्ध कल्चर एंड हेरिटेज के “शिलान्यास” समारोह में भी भाग लूंगा।”
शिलान्यास कार्यक्रम के बाद श्री मोदी (pm modi) विश्राम और द्विपक्षीय वार्ता के लिए होटल पहुंचे जहां बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग उनका गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए मौजूद थे। श्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों से बहुत आत्मीयता से मिले। एक किशोर ने भगवान बुद्ध और श्री मोदी का एक स्केच बनाया था। श्री मोदी ने उस स्केच पर अपने हस्ताक्षर किये।