अयोध्या। रामनवमी (Ramnavmi) के दिन वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला (Ramlala) के मस्तक पर पहुंचाएंगे। इस दौरान सूर्य की किरण लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाएगा। जिसका शुक्रवार को पूर्वाभ्यास हुआ और प्रयोग पूर्ण रूप से सफल रहा। वैज्ञानिकों ने सफल परीक्षण के बाद यह स्पष्ट कर दिया कि भगवान रामलला (Ramlala) का तिलक सूर्यदेव इस बार ही रामनवमी के मौके पर करेंगे।
पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि मंदिर पूर्ण होने के बाद ही यह प्रयोग सफल हो सकेगा, लेकिन वैज्ञानिकों ने सूर्य की किरण को शुक्रवार को भगवान रामलला (Ramlala) के मस्तक तक सफलतापूर्वक पहुंचाया।
श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी कि सूर्य के तिलक (Surya Tilak) का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है।
वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला (Lord Ramlala) के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम की आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।