मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Koshyari) अपने नए बयान को लेकर घिरते नजर आ रहे हैं। शिवसेना ने राज्यपाल के बयान को महाराष्ट्र का अपमान करार दिया है। शुक्रवार को राज्यपाल ने एक कार्यक्रम में कहा था कि मुंबई और ठाणे से अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को निकाल दिया जाए तो महाराष्ट्र में पैसा नहीं बचेगा और मुंबई भी आर्थिक राजधानी नहीं कहलाएगी।
मुंबई के अंधेरी पश्चिम क्षेत्र में एक स्थानीय चौक का नाम दिवंगत श्रीमती शांतिदेवी चम्पालालजी कोठारी के नाम पर रखा गया है। शुक्रवार को इसी कार्यक्रम प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Koshyari) बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे हुए थे। इसी दौरान मौजूद जनता को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा, ”कभी-कभी मैं यहां लोगों से कहता हूं कि महाराष्ट्र में विशेषकर के मुंबई-ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानियों को निकाल दो, तो तुम्हारे यहां पैसा बचेगा ही नहीं। ये मुंबई आर्थिक राजधानी कहलाती, वो आर्थिक राजधानी कहलाएगी ही नहीं।”
#WATCH | If Gujaratis and Rajasthanis are removed from Maharashtra, especially Mumbai and Thane, no money would be left here. Mumbai would not be able to remain the financial capital of the country: Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari pic.twitter.com/l3SlOFMc0v
— ANI (@ANI) July 30, 2022
अब राज्यपाल के इस बयान को लेकर शिवसेना हमलावर हो गई है। सेना के प्रवक्ता संजय राउत ने ट्विटर पर लिखा है, महाराष्ट्र में बीजेपी पुरस्कृत मुख्यमंत्री के काबिज होते ही स्थानीय मराठी और छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान शुरू हो गया है। स्वाभिमान और अभिमान के नाम पर बनी शिवसेना से निकलने वाले लोग यह सुनकर भी चुप बैठे हैं, तो सीएम शिंदे कभी शिवसेना का नाम न लें। राज्यपाल का विरोध तो करें। यह मराठी मेहनतकशों का अपमान है। इसी महाराष्ट्र ने हिंदुत्व के लिए लड़ाई लड़ी है। न केवल शिवसेना, बल्कि हर कोई राज्यपाल के बयान की निंदा करता है।
राउत ने आगे कहा, महाराष्ट्र के राज्यपाल का बयान आहत करने वाला और निंदनीय है। राज्य के लोगों ने अपनी मेहनत से महाराष्ट्र बनाने के लिए पसीना, खून बहाया है। 105 लोगों ने बलिदान दिया और कई को जेल हुई। राज्यपाल को इतिहास की जानकारी नहीं है। सीएम एकनाथ शिंदे इसकी निंदा करें और केंद्र से राज्यपाल को हटाने की मांग करें। यह सावित्रीबाई फुले और शिवाजी का अपमान है। इससे सारा महाराष्ट्र क्रोधित है।
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उधर, कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी कहा है कि यह बड़ी हैरानी की बात है कि राज्य के राज्यपाल उसी राज्य के लोगों को बदनाम करते हैं। उनके रहते राज्यपाल की संस्था का स्तर और महाराष्ट्र की राजनीतिक परंपरा का पतन हुआ है, लेकिन महाराष्ट्र का भी लगातार अपमान किया गया है।
वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक अमोल मितकारी ने भी राज्यपाल के बयान पर आपत्ति जताई है। NCP विधायक ने कहा है कि महाराष्ट्र और मुंबई के लोग कुशल और सक्षम हैं। हम ईमानदार लोग हैं जो चटनी से रोटी खाते हैं और दूसरों को खिलाते हैं। विधायक मितकारी ने कहा है कि आपने मराठी लोगों का अपमान किया है, जल्द से जल्द महाराष्ट्र से माफी मांगें।