नई दिल्ली| ‘रावलपिंडी एक्सप्रेस’ के नाम से मशहूर पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने हाल ही में दावा किया है कि उन्होंने कारगिल युद्ध के लिए काउंटी क्रिकेट कॉन्ट्रैक्ट को ठुकरा दिया था। 997 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने करियर की शुरुआत करने वाले अख्तर ने पाकिस्तान के लिए 444 इंटरनैशनल विकेट हासिल किए हैं। पूर्व पाक पेसर सोशल मीडिया पर भी खासे एक्टिव रहते हैं। साथ ही क्रिकेट और दूसरे मुद्दों को लेकर भी अपनी राय रखते रहते हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना की सेवा करने के लिए उन्होंने इंग्लिश काउंटी कॉन्ट्रैक्ट को ठुकरा दिया था।
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शोएब अख्तर ने एआरवाई न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ”इस कहानी के बारे में लोगों को शायद ही पता हो। नॉटिंघम के साथ मेरा 175,000 पाउंड का करार था। फिर 2002 में मेरे पास एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट था। कारगिल युद्ध के होने पर मैंने दोनों को छोड़ दिया। मैं लाहौर के बाहरी इलाके में खड़ा था। एक जनरल ने मुझसे पूछा कि मैं वहां क्या कर रहा हूं। मैंने कहा कि युद्ध शुरू होने वाला है और हम एक साथ मरेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, ”मेरे काउंटी क्रिकेट को इस तरह दो बार छोड़ने पर काउंटी को झटका लगा था। मैं इस बारे में चिंतित नहीं था। मैंने अपने दोस्तों को कश्मीर में बुलाया और उनसे कहा कि मैं लड़ने के लिए तैयार हूं।”
उन्होंने कहा, ”जब विमान (भारत से) आए थे और हमारे कुछ पेड़ों को गिरा दिया, जो हमारे लिए एक बड़ा नुकसान था। उन्होंने 6-7 पेड़ गिराए और हम अब पेड़ों पर बहुत ध्यान दे रहे हैं। मुझे इस बात से बहुत दुख हुआ। उस दिन जब मैं उठा तो मुझे चक्कर आ रहा था और मेरी पत्नी ने मुझे शांत होने के लिए कहा। लेकिन अगले दिन तक जब मैंने खबर देखी, यह होता रहा। मुझे पता है कि उस दिन क्या हुआ था।”
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पाकिस्तान ने कारगिल युद्ध की शुरुआत 3 मई 1999 को ही कर दी थी, जब उसने ऊंची पहाड़ियों पर 5,000 सैनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था। इस बात की जानकारी जब भारत सरकार को मिली तो सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने के लिए ‘ऑपरेशन विजय’ चलाया। इस दौरान पाक सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की।
26 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में भारत को विजय मिली थी, इस वजह से हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। कारगिल युद्ध के कारण पाकिस्तान में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता बढ़ गई और तत्कालीन नवाज शरीफ की सरकार को हटाकर परवेज मुशर्रफ देश के राष्ट्रपति बन गए। कारगिल युद्ध के दौरान भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे।