देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अभी भी काफी ऊंची बनी हुई हैं, जो उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत देश के विभिन्न राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के चुनावी माहौल में केंद्र सरकार का सिरदर्द बनी हुई हैं। ऐसे में पेट्रोलियम मंत्रालय ने मंगलवार को एक बैठक में बड़ा फैसला किया है जिससे आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल की कीमतें नीचे आने की संभावना है।
पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़े अहम सूत्रों ने जानकारी दी कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए भारत अपने रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व) से 50 लाख बैरल कच्चा तेल रिलीज करने के लिए तैयार हो गया है।
रणनीतिक भंडार से कच्चे तेल की ये निकासी अमेरिका, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे कच्चे तेल के बड़े उपभोक्ता देशों के साथ विचार-विमर्श के बाद होगी। ये सभी देश लगभग एक ही समय पर अपने भंडारों से कच्चे तेल की निकासी कर सकते हैं। इससे बाजार में कच्चे तेल की उपलब्धता बढ़ने के साथ ही इसकी कीमतें नीचे आने की उम्मीद है।
अमेरिका और चीन के बाद भारत अभी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उपभोक्ता देश है। वहीं इस श्रेणी में जापान, रूस और दक्षिण कोरिया जैसे देश भी आते हैं।
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खाड़ी देशों के साथ-साथ कच्चा तेल उत्पादक देशों (OPEC) ने इसके उत्पादन को सीमित रखा हुआ है। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतें लगातार चढ़ी हुई हैं। भारत जैसे कच्चे तेल के बड़े उपभोक्ता देशों के बार-बार कहने पर भी हालात में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिला है। ऐसे में अमेरिका के कहने के बाद भारत ने भी अपने रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल रिलीज करने पर सहमति जता दी है।