कानपुर। मुठभेड़ में मारा गया बिकरू कांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे अपने रसूख का इस्तेमाल अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए भी करता था। विकास की मौत के बाद लोग अब खुलकर सामने आ रहे हैं। शिकायत की है कि अपने रसूख के दम पर चहेते अनुराग अवस्थी उर्फ सिन्नी की पत्नी रानो को इसी साल निर्विरोध प्रधान बनवाया।
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इसके बाद उसके छोटे भाई अविनाश की पत्नी सीमा को अधिकारियों से साठगांठ कर मार्च-2020 में सरकारी राशन का कोटा दिला दिया। नियमानुसार किसी भी जनप्रतिनिधि या उसके परिवार वाले को कोटा नहीं दिया जा सकता। लोगों ने शिकायत में यह भी बताया है कि अनुराग ने जिला प्रशासन को एक फर्जी हलफनामा भी दिया है, जिसमें प्रधान और कोटेदार को एक-दूसरे का संबंधी न होने की बात लिखी है।
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ऐसे में कोटा देने से पहले जांच करने गए शिवराजपुर खंड अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। आरोप है कि ग्रामीणों ने जब इसकी शिकायत जिला प्रशासन सहित अन्य अधिकारियों से की तो प्रधान और उसके साथियों ने जान से मारने की धमकी दी। मामला संज्ञान में आने के बाद डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने सीओ बिल्हौर संतोष सिंह को शुक्रवार को जांच के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
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आरोप है कि प्रधानी चुनाव के दौरान अनुराग के पास कोटा था। तब कहा गया कि उसके पास कोटा है, इसलिए उसकी पत्नी चुनाव नहीं लड़ सकती है। इस पर उसने पत्नी को तलाक देने का झूठा हलफनामा भी लगाया। हालांकि ग्रामीणों की शिकायत के बाद अनुराग से कोटा छीन लिया गया।
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बिकरू गांव से अपने भाई दीपू की पत्नी अंजली, शार्प शूटर विष्णुपाल उर्फ जिलेदार को भीटी, रामपुर से सगी बहन रानी तिवारी, बसेन से अपने भांजे शिव तिवारी, दिलीपनगर से अनुराग अवस्थी उर्फ सिन्नी, जादेपुर से पुल्लू उर्फ अनुराग, कंजटी से वेदप्रकाश समेत कई लोगों को अपनी दहशत का इस्तेमाल कर निर्विरोध ग्राम प्रधान बनाया। कइयों को कोटा भी दिलाया। डीआईजी का कहना है कि जिला प्रशासन की मदद से मामले की जांच कराई जाएगी।