भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने भाजपा कार्यकर्ताओं को लाठी-डंडे से खदेड़ने संबंधी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री संवैधानिक और लोकतांत्रिक मर्यादाओं को भूल रहे हैं।
श्री प्रकाश ने यहां कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री दोनों उप चुनाव में महा ठगबंधन उम्मीदवार की करारी हार देखते हुए भाषा की नीचता पर उतर आए हैं। स्वस्थ लोकतंत्र में स्वस्थ भाषा की उम्मीद की जाती है, लेकिन मुख्यमंत्री भाषा की मर्यादा तोड़ रहे। उन्होंने कहा कि लाठी डंडे की बात कर मुख्यमंत्री राज्य में हिंसा को बढ़ावा दे रहे है। पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष एवं राज्य का मुख्यमंत्री यदि ऐसी भाषा का प्रयोग करेगा तो फिर छोटे कार्यकर्ताओं से क्या उम्मीद की जाय।
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प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा का यह आरोप है कि राज्य सरकार के इशारे पर एवं संरक्षण में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याएं हो रही है आज सच साबित हो रहा है। यह सरकार हिंसा, तुष्टीकरण, भ्रष्टाचार,लूट खसोट पर टिकी हुई सरकार है। उन्होंने कहा कि झारखंड को लूटने वाले एक सजायाफ्ता कैदी की सेवा करना ही यह सरकार अपना राजधर्म समझती है।
श्री प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार हिंसा को बढ़ावा देगी इसका प्रमाण इसके पहले कैबिनेट से ही मिल गया है। पहली कैबिनेट में ही इस सरकार ने राष्ट्र विरोधी लोगों के मुकदमे वापस लिये। आज उग्रवादी नक्सली फिर से राज्य को अशांत करने में जुट गए हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना वॉरियर्स पर थूकने वाले, डॉक्टर्स नर्सेज को अपमानित करने वालों के सामने यह सरकार मूक दर्शक बनी रही लेकिन राज्य आंदोलन से लेकर राज्य निर्माण और फिर राज्य के विकास केलिये तत्पर भाजपा कार्यकर्ताओं को लाठी से पिटवाने की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता मर्यादा की सीमा लांघना नहीं चाहते । लोकतंत्र में जनता सर्वोपरी है।
श्री प्रकाश ने कहा कि पिछले चुनाव में जनता ने भाजपा के नीतियों कार्यक्रमों को सराहा है। पार्टी को जनता ने 50 लाख से ज्यादा वोट देकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनाया। वहीं, महा ठगबंधन झूठ के बल पर 52 लाख मत ही प्राप्त कर सका है। उन्होंने कहा कि इस उपचुनाव में जनता इनके अहंकार को करारा जवाब देगी। जनता की नजरों में इनके झूठ की गठरी खुल चुकी है।