कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार के बीच यूपी की योगी सरकार एक बार फिर बड़ा फैसला लिया है। सरकार सभी श्रमिकों, गरीब परिवारों को वित्तीय सहायता और राशन देगी देगी।
शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक में सीएम योगी ने कहा कि पिछले साल राज्य सरकार ने कोविड-19 की चुनौती का सामना करने के साथ ही विभिन्न कार्यों को आगे बढ़ाया था। उत्तर प्रदेश पहला राज्य था, जिसने श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, रिक्शा चालकों, कुलियों, पल्लेदारों आदि को भरण-पोषण भत्ता ऑनलाइन दिया।
भरण-पोषण के रूप में दिए गए पैसे ने उनके जीवन को बचाने का काम किया। संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दो बार तथा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एक बार भरण-पोषण भत्ता दिया गया। इसके साथ ही, 15 दिन के राशन की किट भी दी गई। सीएम योगी ने कहा कि राशन कार्ड बाध्यता समाप्त कर माह में दो बार, एक बार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना तथा दूसरी बार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन उपलब्ध कराया गया।
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बड़े पैमाने पर कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई। तकनीक के माध्यम से इन किचन्स का निरन्तर अनुश्रवण किया गया। करोड़ों की संख्या में फूड पैकेट वितरित किये गये। स्वच्छता कर्मियों, पुलिस कर्मियों सहित सभी कर्मियों के योगदान और जनसहयोग से कोरोना प्रबन्धन मेें उत्तर प्रदेश अग्रणी रहा। इस वर्ष भी जरूरतमंदों को भरण-पोषण भत्ता और राशन उपलब्ध कराया जाएगा। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भरण/पोषण भत्ता के पात्र लोगों की सूची अपडेट कर ली जाए। इसी तरह, राशन वितरण कार्य की व्यवस्था की समीक्षा कर ली जाए। भत्ता वितरण डीबीटी प्रणाली के माध्यम से सीधे बैंक खाते में किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के बढ़ते प्रसार को ध्यान में रखते हुए दूसरे प्रदेशों से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों की जरूरतों की पूर्ति करने के आदेश दिए हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली समेत दूसरे राज्यों से पलायन कर रहे मजदूरों के लिए इन क्वारेंटाइन सेंटर में सभी सुविधाएं होंगी। दूसरे प्रदेशों से यूपी आने वाले इन प्रवासी मजदूरों की जांच कर रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर इन सेंटर में रखा जाएगा जहां चिकित्सीय सुविधाओं संग खाने पीने की व्यवस्था का पूरा इंतजाम योगी सरकार करेगी। शुक्रवार तक 60 जनपदों में ऐसे क्वारन्टीन सेंटर सक्रिय हो चुके थे।