मुंबई। ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) फिल्म ने देश-विदेश में एक बडी क्रान्ति की लहर की है । पिछले तीन दशकों से जो घिनौना सत्य तमाम विश्व की जनता से छिपाकर रखा गया था, अब वह इस फिल्म के माध्यम से लोगों के सामने आने से बडी जागृति हुई है । इस फिल्म के पश्चात प्रदर्शित अनेक बड़े स्टार्स की फिल्मों से देशभक्त जनता ने मुंह मोड लिया है । इससे दर्शकों ने यह स्पष्ट किया है कि, वह जानते हैं उन्हें क्या देखना हैं, उन्हें क्या अच्छा लगता है । ‘सब चलता है’ ऐसा नहीं है, अपितु ‘केवल सच चलता है !’ (केवल सत्य देखना अच्छा लगता है) यह ‘द कश्मीर फाइल्स’ चलचित्र को मिलनेवाले अभूतपूर्व प्रतिसाद से दिखाई दिया है, ऐसी स्पष्ट भुमिका ‘दि कश्मीर फाइल्स’ में ‘शारदा पंडित’ नामक पीडित हिन्दू महिला की भूमिका साकारनेवाली प्रसिद्ध अभिनेत्री भाषा सुंबली ने प्रस्तुत की ।
भाषा सुंबली ‘दि कश्मीर फाइल्स’ चलचित्र की चर्चित अभिनेत्री हैं, वह हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित द कश्मीर फाइल्स को हिन्दू समाज की साथ : क्या है अभिनेताओं के मन में विचार ?’ इस ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में अपने विचार व्यक्त कर रही थीं ।
इसी विषय पर भाषा सुंबली ने आगे कहा कि, द कश्मीर फाइल्स 1990 में ‘कश्मीर में जो हुआ, वह भारत में अन्य स्थानों पर न हो’, इसके लिए भी समाज में जागृति कर रहा है; परंतु जिन लोगों को यह सत्य प्रसारित नहीं होना चाहिए ऐसा लगता है, जिन लोगों ने कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार किया है, जिन्हें यह नरसंहार छिपाना है, वही लोग इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं । इस फिल्म के कारण देशभर में जागृति होने से यह हिन्दूओं के नृशंस हत्याकांड का विषय समाप्त हो गया है, ऐसा नहीं है, अपितु इससे केंद्र सरकार को सक्रिय होकर कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय दिलवाने के लिए कार्यवाही करनी चाहिए ।
इस समय अभिनेता तथा लेखक योगेश सोमण ने कहा कि, कश्मीर पर आधारित विषय पर इससे पूर्व ‘हैदर’, ‘मिशन कश्मीर’, ‘रोजा’ आदि अनेक चलचित्र प्रदर्शित हुए; परंतु इन चलचित्रों में कश्मीरी हिन्दुओं पर हुए अत्याचार दिखाने के स्थान पर एक गलत पक्ष दिखाया गया । बल्कि इन फिल्मों के जरिए आतंकवादियों के प्रति देशद्रोही सहानुभूति उत्पन्न करने से लेकर भारतीय सेना कश्मीर में कैसे अत्याचार कर रही है, ऐसा झूठ दिखाया गया । इसलिए ऐसी झूठी फिल्में सर्व साधारण जनता के मन में स्थान नहीं बना पाए । इसके विपरीत सत्य और वास्तविक जानकारी दिखाने के कारण ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म लोगों के मन में स्थान बना पाया है । यदि ‘उरी’, ‘द कश्मीर फाइल्स’ आदि फिल्म मोदी सरकार के प्रचार के लिए बनाए गए हैं, ऐसे आरोप लग रहे हों, तो इससे पूर्व निर्माण हुए वह सभी फिल्में क्या कांग्रेस और तत्कालीन राज्यकर्ताओं के प्रचार के लिए बनाए गए थे ? ऐसा हम पूछ सकते हैं। ‘हैदर’ चलचित्र के प्रभाव से उसका एक कलाकार चलचित्र के पश्चात आतंकवादी कार्यवाहियों में सम्मिलित हो गया । जब एक विशिष्ट विचारधारा लोगों पर लादने का काम पहले हुआ हो, तो अब दूसरा पक्ष लोगों के सामने आना चाहिए । इस फिल्म के धुवांधार प्रसारण के कारण वामपंथी विचारधारावाले, तथाकथित आधुनिकतावादी, उदारता मतवादी लोग चिंतित हो गए हैं; क्योंकि आजतक उनके द्वारा प्रस्तुत असत्य इतिहास पर अब प्रश्नचिन्ह उत्पन्न हो गया है । आम लोग भी उनकी पुस्तकों पर अनेक प्रश्न पूछ रहे हैं और जिसके जवाब देना उनके बस में नहीं है, ऐसा भी सोमण ने कहा ।
इस परिसंवाद पर फिल्म अभिनेता तथा निर्देशक करण समर्थ ने अपनी राय रखते हुए कहा कि, जिस मुल्लावादी फिल्मों के माध्यम से आज तक कांग्रेस, वामपंथी तथा इस्लामी अलगाववादी हमे गलत इतिहास परोस रहे थे, सनातन धर्म परंपराओं तथा संस्कृति को बदनाम कर रहे थे और सत्य घटनाओं को दबाकर रखते थे, आज उसी फिल्म के माध्यम से विवेक अग्निहोत्री जैसे कई फिल्मकार इतिहास के गढ़े मुर्दे उखाड़ कर सत्य पक्ष विश्व के सम्मुख प्रस्तुत करने का प्रयास करने प्रेरित होंगे। अब जानलेवा भाईचारा और भुक्कड़ गांधीगिरी के दिन खत्म हो गए है।
इसी श्रुंखला में पावनखिंड़ नामक मराठी फिल्म भी रिलीज हुई है जो द कश्मीर फाइल्स के साथ दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हुई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि, हिन्दू समाज अब तथाकथित एक तरफा भाईचारा और भुक्कड़ गांधीगिरी का शिकार नहीं बनेगा। २९१४ मे केंद्र में भाजपा की सरकार ने हिन्दू समाज को अपने इतिहास के छिपाए हुए पन्नों को खोल देने के प्रयास को भारी समर्थन दिया है। इससे हिन्दू समाज जागरूक होकर अपनी रक्षा के लिए प्रेरित हुआ है और द कश्मीर फाइल्स ने तो कांग्रेस ने हम सबकी आंखों पर गिराए हुए काले पर्दे को हटाने का काम किया है। अब हिन्दू समाज किसी भी तरह की भ्रमित संकल्पनाओं का शिकार नहीं बनेगा ऐसे शब्दों में करण समर्थ ने अपनी भावनाएं व्यक्त किए हैं।
हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित द कश्मीर फाइल्स को हिन्दू समाज की साथ : क्या है अभिनेताओं के मन में विचार ?’ इस ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद संबंधित यह जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता, रमेश शिंदे ने प्रस्तुत की।