महाकुंभनगर। योगी सरकार ने महाकुंभ 2025 में एक नई दिशा में कदम बढ़ाते हुए आधुनिक तकनीकी नवाचार को अपनाया है। प्रदेश के ऊर्जा और शहरी विकास मंत्री, ए.के. शर्मा (AKSharma) ने इस पहल के बारे में बताया, कि आयोजित प्रयाग महाकुंभ मेले के आयोजन और प्रबंधन में मानवीय पुरुषार्थ के साथ मशीन और आधुनिक तकनीक का महत्तम उपयोग किया जा रहा है। अन्य व्यवस्थाओं के साथ हमारे ऊर्जा विभाग ने तीर्थयात्रियों की मदद के लिए एक बहुत ही अच्छा नवाचार किया है।
ए.के. शर्मा (AKSharma) ने वीडियो शेयर कर बताया कि इस बार मेलाक्षेत्र में जो बिजली के खंभे लगाए हैं उनमें कुछ ख़ास बात है।
1. बिजली के हर खंभे की जीआईएस मैपिंग करके उसकी भौगोलिक जगह चिन्हित की गई है।
2. हर खंभे को एक संख्या दी गई है। जो उस पर लिखी है। खंभे की संख्या बताने से उसकी लोकेशन यानी जगह मालूम पड़ जाएगी।
3. आपका कोई भी प्रिय व्यक्ति बिछड़ गया हो या अन्य कोई समस्या हो तो पुलिस या प्रशासन के नज़दीक के सहायता काउंटर अथवा हेल्पलाइन पर अपने खंभे की संख्या और अपनी समस्या बताने पर प्रशासन के अधिकारी या पुलिस आप तक पहुँचकर आपकी मदद कर पायेंगे।
4. एक अन्य विकल्प यह भी है कि बिजली के उसी खंभे पर उसी जगह पर क्यू आर (QR) कोड स्थापित है। इसे अपने स्मार्ट फ़ोन से आप स्कैन करेंगे तो एक छोटा सा फॉर्म स्वतः खुल जाएगा। उसमें अपना नाम, फ़ोन नंबर और समस्या आप भरकर सबमिट करेंगे तो प्रशासन आप तक स्वतः पहुँचकर आपकी मदद कर सकेगा।
Welcome to Digital Mahakumbh !
Watch this video to have a glimpse of
-Historic Mahakumbh in Modern India
-Digital India facilitating Dedication & Devotion
-A simple way to make your navigation easy in the biggest human gathering on planet earth.-50000 plus electric… pic.twitter.com/Wqa9xRkdSx
— A K Sharma (@aksharmaBharat) January 13, 2025
बिजली के खंभों से निकला यह प्रकाश भी आपको मेले में रास्ता दिखा सकता है। इस सुविधा का लाभ उठायें।
50,000 से अधिक स्मार्ट इलेक्ट्रिक पोल्स की स्थापना
मंत्री (AK Sharma) के विभाग द्वारा पेश की गई एक प्रमुख नवाचार है 50,000 से अधिक स्मार्ट इलेक्ट्रिक पोल्स की स्थापना. पारंपरिक रूप से केवल बिजली और प्रकाश प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाने वाले ये पोल अब श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन और सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. मंत्री ने इन्हें “लाइट हाउस” के रूप में वर्णित किया, जो मेले के विशाल और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए सहायता का स्रोत हैं.
कैसे काम करता है यह सिस्टम
स्मार्ट इलेक्ट्रिक पोल्स में कई तकनीकी विशेषताएं हैं, जो श्रद्धालुओं को मदद करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं
जियो-मैपिंग: हर पोल को जीआईएस तकनीक के माध्यम से जियो-मैप किया गया है, जिससे उपयोगकर्ता आसानी से अपनी स्थिति का पता लगा सकते हैं.
विशिष्ट नंबरिंग: प्रशासन ने हर पोल को एक विशिष्ट संख्या दी है, जिससे व्यक्ति अपनी सटीक स्थिति का संवाद प्रशासन और रिश्तेदारों से कर सकते हैं.
बारकोड स्कैनिंग: पोल्स में विशेष बारकोड्स लगे होते हैं, जिन्हें स्कैन करने पर एक सरल फॉर्म खुलता है, जिसमें व्यक्ति अपना नाम, फोन नंबर और समस्या का विवरण भर सकते हैं.
रियल-टाइम सहायता: बारकोड द्वारा भेजी गई जानकारी सीधे कंट्रोल रूम में भेजी जाती है, जहां प्रशासनिक अधिकारी मदद के लिए तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं. मंत्री ने यह भी बताया कि श्रद्धालुओं को अपनी स्थिति पर बने रहना चाहिए, ताकि मदद शीघ्र पहुँच सके.
श्रद्धालुओं को सेवा के प्रति प्रतिबद्धता का दिया संदेश
मंत्री ए.के. शर्मा (AK Sharma) ने अपने पोस्ट के अंत में श्रद्धालुओं को सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का संदेश दिया. “हम आपकी सेवा में हमेशा तत्पर हैं,” उन्होंने लिखा, जो इस बात को दर्शाता है कि प्रशासन महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने में पूरी तरह से समर्पित है.
“डिजिटल महाकुंभ” का युग
यह पहल महाकुंभ के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें प्राचीन परंपराओं और आधुनिक तकनीकों का मिलाजुला रूप देखने को मिल रहा है. “डिजिटल महाकुंभ” योजना उत्तर प्रदेश की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो श्रद्धालुओं के अनुभव को सुरक्षित, सुलभ और सुविधाजनक बनाने के लिए की जा रही है.