ढेकियाजुलि (असम)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि प्रत्येक राज्यों में कम से कम एक-एक ऐसे मेडिकल और तकनीकी कालेज स्थापित किये जायेंगे। जहां शिक्षा का माध्यम स्थानीय भाषा में होगा।
श्री मोदी ने यह बात बिश्वनाथ और चरईदेव में दो मेडिकल कालेज अस्पताल के शिलान्यास के मौके पर एक रैली को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कि यह मेरा एक सपना है। हालांकि कुछ लोग इसे दुस्साहस भी कह सकते हैं। मेरा सपना है कि प्रत्येक राज्य में कम से कम एक मेडिकल और एक तकनीकी कॉलेज हो, जहां स्थानीय भाषा में शिक्षा दी जाए। उन्होंने कहा कि असम में अप्रैल-मई में चुनाव के बाद नयी सरकार आने पर इस दिशा में काम शुरू होगा। यह काम धीरे-धीरे शुरू हो सकता है, लेकिन एक बार प्रारंभ होने के बाद इसे कोई रोक भी नहीं सकेगा।
#WATCH | People who are conspiring to defame India have stooped so low that they're not sparing even Indian tea… Some documents have come up revealing that some foreign powers are planning to attack India's identity associated with tea. Will you accept this attack?: PM in Assam pic.twitter.com/6BCOBIn1ET
— ANI (@ANI) February 7, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि षडयंत्रकारी दुनियाभर में भारतीय चाय की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने किसान आंदोलन के टूलकिट खुलासे पर कहा कि कुछ लोग इतना नीचे गिर गए हैं कि भारतीय चाय की छवि को भी नहीं छोड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट खुलासे पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ दस्तावेज सामने आए हैं। ये दस्तावेज ये बताते हैं कि विदेश में बैठी ताकतें चाय के साथ भारत की जो पहचान जुड़ी है। उस पर हमला करने की फिराक में है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में असम पहले पिछड़ा रहा और पिछले छह दशकों में छह मेडिकल कालेज की तुलना में 2016 के बाद पांच वर्षों के भीतर राज्य में छह नए मेडिकल कॉलेज खोले गये हैं। गुवाहाटी के एम्स का उल्लेख करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह शीघ्र ही पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए चिकित्सा सुविधाओं के केंद्र में बदल जाएगा। उन्होंने केंद्र की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं को लागू करने के लिए असम की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार की सराहना की और कहा कि यह सुनिश्चित किये की आवश्यकता है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की गाढ़ी कमाई को मेडिकल खर्चों पर खर्च होने से बचाया जाए।
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प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के दौर में स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि देश अब इस मुकाम पर है कि महामारी के नियंत्रण और टीकाकरण अभियान की वैश्विक समुदाय ने भी प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष के केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अभूतपूर्व आवंटन किया गया है ताकि सुविधाओं को बढ़ाया जा सके और इसे सबसे दूरस्थ क्षेत्रों में ले जाया जा सके।
इस मौके पर श्री मोदी ने सड़क नेटवर्क विकास के लिए ‘ असम माला ’ परियोजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि देशत अब तेज गति से प्रगति कर रहा है, और असम को भी विकास के इस सफर का हिस्सा बनना है। उन्होंने कहा कि ‘असम माला’ परियोजना राज्य में सड़क संपर्क की छवि बदल देगी तथा कनेक्टिविटी में सुधार के साथ, पर्यटन और उद्योग में वृद्धि होगी, जिससे रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था में मदद मिलेगी।
असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों को देश के विकास के एजेंडे का हिस्सा बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि सूरज देश के इस हिस्से में सबसे पहले उगता है, लेकिन इसी हिस्से में विकास के सूरज के लिए वर्षों की प्रतीक्षा करनी पड़ी। लेकिन अब राज्य में अब हिंसा, झड़प, गरीबी, भेदभाव जैसी विसंगतियां पीछे रह गयी है और यह क्षेत्र अब विकास की राह पर अग्रसर है। कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय राज्यमंत्री रामेश्वर तेली, सांसद , राज्य के मंत्री और विधायक व अन्य गण्मान्य हस्तियां मौजूद थी।