गोरखपुर। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के लोगों का अयोध्या से एक अटूट रिश्ता रहा है। श्रीराम जन्म भूमि मुक्ति आन्दोलन से लेकर अयोध्या में श्रीराम मंदिर के शिलान्यास तक गोरखपुर के प्रमुख द्वारा मुख्य भूमिका निभाने पर यहां लोग खुश है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भव्य राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास सम्पन्न कराया। यहां के लोगों में हर्ष की लहर दौड गयी। दरअसल गोरक्षपीठ और रामजन्मभूमि के बीच तीन पीढ़ियों का सम्बंध है।
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गोरक्षपीठाधीश्वर ब्रहृमलीन महंत दिग्विजय नाथ ने इसे मुक्त कराने का संकल्प लिया था और ब्रहृमलीन महंत अवैद्यनाथ रामजन्मभूमि आन्दोलन के सूत्रधार बने। यह लक्ष्य गोरक्षपीठाधीश्वर वतौर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आज सम्पन्न हो गया।
गौरतलब है कि राम जन्मभूमि का ताला उस समय खोला गया था जब गोरखपुर के निवासी स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह मुख्यमंत्री थे। जिला जज ने राम जन्म भूमि का ताला खोलने और भूमि पूजन की अनुमति देने का निर्णय लिया था वह भी गोरखपुर का निवासी थे। उस समय जिला जज के रूप में अयोध्या में कार्यरत थे।
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राम जन्मभूमि से जुडे सभी वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवानी, श्री कल्याण सिंह, सुश्री उमा भारती, श्री प्रवीण तोगडिया, आचार्य धर्मेन्द्र, स्वगीर्य श्री अशोक सिंहल, स्व. महंत परमहंस दास आदि लोग जब भी गोरखपुर आते थे तो शिवावतारी बाबा गोरखनाथ का दर्शन पूजन करने के बाद तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर ब्रहमलीन महंत अवेद्यनाथ से राम जन्मभूमि आन्दोलन पर घंटों विचार विमर्श करके रणनीति तैयार की जाती थी। इसलिए अयोध्या में भव्य श्री राम के मंदिर निर्माण का सपना अब पूरा हो रहा है इससे लोगों में अपार हर्ष है।