सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम द्वारा प्रस्तावित किए गए सभी 9 नामों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। अब फाइल औपचारिकता पूरी करने के लिए आगे बढ़ा दी गई है।
अगले सप्ताह ये सभी जज शपथ ले सकते हैं। इस लिस्ट में एक नाम जस्टिस बी.वी नागरत्ना का भी है। शपथ लेने के साथ ही जस्टिस बी.वी नाथरत्ना देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बनने की तरफ कदम बढ़ाकर इतिहास रच देंगी। सीनियरिटी के मुताबिक नागरत्ना साल 2027 में भारत की चीफ जस्टिस बनेंगी।
लिस्ट में जो 9 नाम हैं उनमें 8 हाईकोर्ट के न्यायाधीश हैं और एक सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील। इनमें कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ए.के. ओका, गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ, सिक्किम हाईकोर्ट के जस्टिस जे.के. माहेश्वरी, तेलंगाना हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस बी.वी नागरत्ना, केरल हाईकोर्ट के जस्टिस सी.टी. रविकुमार, मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एम.एम. सुंदरेश, गुजरात हाईकोर्ट की जस्टिस बेला. एम. त्रिवेदी और सीनियर अटॉर्नी पी.एस नरसिम्हा का नाम शामिल है।
पहली बार तीन महिला नामों की संस्तुति
सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम के अध्यक्ष चीफ जस्टिस एनवी रमन हैं। इसके अलावा जस्टिस यूयू ललित, ए.एम. खानविलकर, डी. वाई. चंद्रचूड़ और एल. नागेश्वर कॉलेजियम में थे। पहली बार सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने एक बार में तीन महिला जजों के नामों की संस्तुति की है। देश की सर्वोच्च अदालत में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को लेकर भी इस संस्तुति के जरिए संदेश गया है।
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जिन नौ न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश पद पर नियुक्ति के लिए की है, उनमें से तीन भविष्य में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बन सकेंगे।
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फरवरी 2027 में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत के सेवानिवृत्त होने पर जज जस्टिस विक्रम नाथ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बन जाएंगे। इसके बाद जज जस्टिस बी वी नागरत्ना, जज जस्टिस नाथ की जगह लेंगी, जो कि भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बन जाएंगी। न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल एक महीने से अधिक का होगा।