लखनऊ। प्रदेश में निर्माण श्रमिकों के बच्चे भी अब पढ़-लिखकर अफसर बन सकेंगे। उनको भी सामान्य बच्चों की तरह पढ़ने-लिखने के अवसर मिलेंगे। उनकी पढ़ाई में पैसा भी अब बाधा नहीं बनेगा। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उनके भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रदेश सरकार की पहल पर यूपी में पहली बार 18 मण्डलों में निर्माण श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों (atal residential school) का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है।
सरकार ने यह भी तय किया है कि कोरोना काल के दौरान अनाथ हुए बच्चों को यूपी अटल रेजीडेंशियल स्कूल स्कीम के तहत कक्षा 06 से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। 11 से 18 वर्ष के बच्चों को कक्षा-12 तक की मुफ्त शिक्षा भी दिलायी जायेगी।
श्रमिकों के बच्चों का भविष्य सवारेंगी योगी सरकार, अटल आवासीय स्कूलों में होगी शिक्षा
गरीबों तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे इसके लिए प्रतिबद्ध यूपी सरकार ने कई बड़े प्रयास किये हैं। श्रमिकों के साथ-साथ उनके बच्चों का भविष्य संवारने का भी ध्यान सरकार रख रही है। अटल आवासीय विद्यालय स्थापित करने का निर्णय भी सरकार की उपलब्धियों में मील का पत्थर साबित हुआ है। बता दें कि विद्यालयों के निर्माण कार्य को तेजी प्रदान करते हुए अलीगढ़, अयोध्या, आजमगढ़, बस्ती, बरेली, चित्रकूटधाम, देवीपाटन, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, मीरजापुर, प्रयागराज, गोरखपुर, मुरादाबाद, आगरा, सहारनपुर और वाराणसी में भूमि का चिह्नांकन भी पूरा कर लिया गया है।
श्रमिकों के बच्चे भी अब पढ़-लिखकर बन सकेंगे अफसर
राज्य सरकार के द्वारा 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष की आयु तक के सभी श्रमिकों के बच्चों को गुणवक्तापरक शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्राथमिक, जूनियर, हाई स्कूल एवं माध्यमिक तक की शिक्षा लाभार्थी बच्चों को योजना के तहत नि:शुल्क प्रदान की जायेगी। श्रमिक वर्ग के नागरिकों का विकास करने के लिए और उन्हें पढ़ाई के महत्व को समझाने के लिए यूपी सरकार की ओर से यह योजना शूरू की गयी है।
यूपी के सभी मंडलों में बनेगा अटल आवासीय विद्यालय, फ्री पढ़ेंगे मजदूरों के बच्चे
अटल आवासीय विद्यालयों के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था के रूप में चुना गया है। इन विद्यालयों के निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 में 180 करोड़ की धनराशि कार्यदायी संस्था को हस्तांतरित की जा चुकी है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में सभी 18 मंडलों में बन रहे इन विद्यालयों के लिए सरकार ने 270 करोड़ रुपये का बजट कार्यदायी संस्था को हस्तांतरित कर दिया है।