दरभंगा ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शामली पुलिस की मदद से दो और आरोपियों को उत्तर प्रदेश के कैराना से गिरफ्तार किया है। यूपी के शामली जिले से सलीम और कफील नामक आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। एक दिन पहले खुलासा हुआ था कि शामली में रहने वाले सलीम ने ही हैदराबाद से गिरफ्तार नासिर और इमरान को भर्ती किया था। सलीम को ही हवाला के जरिए से पाकिस्तान से एक लाख 60 हजार रुपये बम धमाके के लिए मिले थे। वह कई बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुका है।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान यात्रा के दौरान ही सलीम लश्कर और आईएसआई हैंडलर के संपर्क में आया था। आरोप है कि बाद में वापस शामली आने के बाद भी पाकिस्तान बात करता रहता था और फिर एक दिन पाकिस्तान से आए हैंडलर के कॉल के बाद सलीम ने धमाके का प्लान बनाना शुरू किया था, जिसके लिए सलीम ने शामली में मौजूद कफील और हैदराबाद में मौजूद नासिर और इमरान को तैयार कर एक टीम बनाई और धमाके को अंजाम दिलवाया था।
गिरफ्तारी के बाद एनआईए ने बताया था कि 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पार्सल में ब्लास्ट हुआ था। एनआईए ने इस मामले में 24 जून को जांच शुरू की थी। दावा है कि गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकियों- इमरान और नासिर ने ही आईईडी बम बनाया था।
दिल्ली से एनआईए के डीएसपी आरके पांडेय के नेतृत्व में कैराना आई पांच सदस्यीय टीम व कोतवाली प्रभारी प्रेमवीर राणा ने गिरफ्तार किए गए सलीम और कफील को कैराना न्यायालय में पेश किया और दोनों आरोपियों का ट्रांजिट रिमांड मांगा। कोर्ट के आदेश के बाद एनआईए टीम दोनों आरोपियों को पांच दिन के ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ ले गई।
एनआईए ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सहयोग मांगा था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार करके एनआईए को सौंप दिया है। अब आगे की कार्रवाई एनआईए के द्वारा की जा रही है। – सुकीर्ति माधव, एसपी, शामली
कैराना अपने आतंकी कनेक्शन को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। यह पहली बार है जब लश्कर-ए-तैयबा का कनेक्शन शामली जिले से मिला है। इससे पहले आईएसआई की गतिविधियों को लेकर कैराना सुर्खियों में रहा है। दरभंगा ब्लास्ट मामले में हैदराबाद से गिरफ्तार किए गए कैराना निवासी नासिर का पाकिस्तान से कनेक्शन निकल रहा है। वह 2012 में पाकिस्तान गया था और माना जा रहा है कि तभी वह लश्कर के आतंकियों के संपर्क में आया और केमिकल आईईडी बनाने की ट्रेनिंग ली थी। इससे पहले पकड़े गए सलीम का भी पाकिस्तान से कनेक्शन होने की बात सामने आई थी। जांच एजेंसियां इन सभी कड़ियों को जोड़कर जांच करने में जुटी हैं।
दरभंगा पार्सल विस्फोट के तार जुड़ने के बाद कैराना का नाम एक बार फिर चर्चाओं में आया है। कैराना के मूल निवासी नासिर और इमरान का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा से मिला है। इन दोनों को एनआईए ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। इनके पिता मूसा खान सेना से रिटायर्ड हैं। जिले में आतंकी संगठन लश्कर से पहली बार कनेक्शन सामने आया है। इससे पहले शामली जनपद में पाकिस्तान और खालिस्तानी कनेक्शन मिलते रहे हैं। गठरी के धंधे के जरिए अवैध हथियारों की तस्करी और जाली करेंसी के मामले में कैराना चर्चाओं में रहा है।
अप्रैल 2018 में शामली समेत कई प्रमुख स्टेशनों को बम से उड़ाने के अलावा सीएम योगी और आरएसएस प्रमुख को मारने की धमकी का पत्र मिला था। यह पत्र जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एरिया कमांडर मैसूर अहमद के नाम से भेजा गया था। इसकी रिपोर्ट थाना जीआरपी में दर्ज हुई थी। इसमें आज तक कोई खुलासा नहीं हुई। अब दरभंगा ब्लास्ट मामले में कैराना चर्चाओं में है। इससे जुड़े मामले में कैराना के मोहल्ला आल खुर्द निवासी सलीम टुइया और कफील को पुलिस ने पकड़ा था। जांच एजेंसियां इन दोनों को अपने साथ ले जा चुकी हैं।