लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Vidhan Sabha) में प्रवेश की प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है। अब तक विधायकों और पूर्व विधायकों को जारी किए जाने वाले पारंपरिक पासों को समाप्त किया जाएगा और उनकी जगह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक आधारित पास जारी किए जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने इस नई प्रणाली को मंजूरी देते हुए सभी पुराने पासों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के निर्देश दिए हैं।
इस नई व्यवस्था के तहत हर विधायक को केवल दो पास जारी किए जाएंगे, जिससे विधानसभा (UP Vidhan Sabha) परिसर में अनावश्यक भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा पूर्व विधायकों के नाम पर जारी पासों पर भी रोक लगा दी गई है। इस कदम का उद्देश्य विधानसभा की सुरक्षा को सख्त करना और पासों के दुरुपयोग को रोकना है।
नई प्रणाली के लागू होने से विधायकों और विधान परिषद सदस्यों (MLC) की गाड़ियों की पहचान स्वतः हो सकेगी, जिससे प्रवेश प्रक्रिया तेज और सुव्यवस्थित होगी। इसके अलावा, सुरक्षा कर्मियों को भी गाड़ियों की वास्तविकता की पुष्टि करने में आसानी होगी और अनाधिकृत प्रवेश को रोका जा सकेगा।
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नई RFID पास प्रणाली आगामी विधानसभा सत्र से लागू की जाएगी। यह व्यवस्था विधायकों और MLC की गाड़ियों पर भी लागू होगी, जिससे विधानसभा परिसर में अव्यवस्था को रोका जा सकेगा। सरकार के इस फैसले को सुरक्षा और सुगमता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे विधानसभा में पारदर्शिता और अनुशासन भी बढ़ेगा।