कई लोगों को मोती (Pearl) रत्न धारण करना पसंद होता है। रत्नशास्त्र में कई रत्नों का वर्णन है, जिनका संबंध ग्रहों से माना जाता है। मोती रत्न का संबंध चंद्र ग्रह से माना जाता है। मोती को सही तरीके से धारण करने पर आप कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत कर सकते हैं। मोती को धारण के कई नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है।
मोती (Pearl) पहनने के फायदे
मोती (Pearl) धारण करने से मन को शांत रखने में मदद मिलती है।
इस रत्न के प्रभाव से नकारात्मक सोच को खत्म करने में भी मदद मिलती है।
मोती पहनने से आपकी रचनात्मकता बढ़ सकती है।
इसे पहनने से जीवन में कॉन्फिडेंस और मनोबल की वृद्धि होती है।
जीवन में शांति और समृद्धि बढ़ाने के लिए मोती जरूर धारण करना चाहिए।
किस धातु में मोती (Pearl) पहनें:
रत्नशास्त्र के मुताबिक, मोती रत्न को चांदी की अंगूठी में जड़वाकर धारण करना चाहिए।
किस उंगली में पहनें:
मोती रत्न को दाहिने हाथ की कनिष्ठा यानि सबसे चोटी उंगली में धारण करना चाहिए।
मोती (Pearl) धारण करने के नियम:
मोती धारण से पहले शुद्धि करना जरूरी है। इस रत्न को शुद्ध करने के लिए कच्चे दूध और गंगाजल में रत्न को डुबाकर रखें। अगले दिन भगवान शिव व चंद्र देव की पूजा करने के पाश्चात्य यह रत्न धारण करें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मोती रत्न को धारण करने से पहले कुंडली में ग्रहों की स्थिति जरूर देखनी चाहिए। साथ ही एस्ट्रोलॉजर की सलह लेना भी बेहतर रहेगा।