लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi) ने एक अप्रैल से प्रारम्भ किये जा रहे गेहूं खरीद से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में किसानों को परेशानी न होने पाए। बिचौलियों की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को इसकी निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री आवास पर शनिवार को आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए कृत संकल्पित है। 2017 से निरन्तर किसानों को व्यापक स्तर पर मूल्य समर्थन योजना (एमएसपी) का लाभ प्रदान किया जा रहा है। एमएसपी के तहत गेहूं की खरीद वर्ष 2022-2023 में भी पारदर्शी तरीके से किया जाए।
उन्होंने कहा कि रबी विपणन वर्ष 2022-2023 में न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति कुन्तल के आधार पर गेहूं की खरीद की जाएगी। जिलाधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों से गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किया जाए। गेहूं खरीद में बिचौलियों की संलिप्तता किसी भी दशा में न होने पाए।
यूपी में एक अप्रैल से एमएसपी पर शुरू होगी गेंहू खरीद
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को अपनी उपज बेचने में अधिक समय तक इन्तजार न करना पड़े। गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसानों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उनका भुगतान समय से सुनिश्चित किया जाए। गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसानों के बैठने, छाया एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए। जिलाधिकारी क्रय केन्द्रों का निर्धारण इस प्रकार करें जिससे कि किसानों को अपनी उपज को अधिक दूरी तक नहीं ले जाना पड़े। गेहूं क्रय केन्द्र के लिए पथ प्रदर्शक चिन्ह अवश्य लगाए जाएं। गेहूं क्रय केन्द्र की स्थापना के स्थानों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जाए।
योगी ने कहा कि प्रत्येक क्रय केन्द्र पर इलेक्ट्रॉनिक कांटा, नमी मापक यंत्र, विनोइंग फैन तथा छलना आदि उपकरण अवश्य रखे जाएं। गेहूं के सुरक्षित भण्डारण के लिए भी सभी व्यवस्थाएं की जाएं। क्रय किया गया गेहूं वर्षा से प्रभावित न होने पाए, इसके लिए गेहूं क्रय केन्द्रों पर शेड का प्रबन्ध भी किया जाए।