धर्मं डेस्क. इस्लाम में ईद मिलाद-उन-नबी का जश्न दुनियाभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है. ईद-ए-मिलाद-उन-नबी को इस्लाम के मुख्य पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम (PBUH) के जन्मदिन की खुशी में मनाते हैं. इस्लामिक धर्मं के अनुसार इस्लाम के तीसरे महीने यानी रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख 571ई में पैंगबर साहब का जन्म हुआ था. इस दिन को ही ईद मिलाद-उन-नबी हर साल मनाया जाता है.
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ईद मिलाद-उन-नबी इस बार 29 अक्टूबर की शाम से लेकर 30 अक्टूबर की शाम तक रहेगा. हालांकि भारत में ये त्योहार 30 अक्टूबर को ही सेलिब्रेट किया जाएगा.इस्लामी चंद्र कैलेंडर के मुताबिक, भारत में 19 अक्टूबर से रबी-उल-अव्वल का महीना शुरू हो चुका है. भारत समेत पाकिस्तान और बांग्लादेश में 30 अक्टूबर को ईद मिलाद उन नबी की दावत होगी. पैगंबर मोहम्मद साहब की याद में इस दिन समुदाय के लोग जुलूस निकालते हैं, लेकिन इस साल कोरोना के चलते ऐसा होना मुश्किल है.
पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म
पैगंबर मोहम्मद का जन्म अरब के रेगिस्तान के शहर मक्का में 571 ईस्वी में 12 तारीख को हुआ था. पैगंबर साहब के जन्म से पहले ही उनके पिता का निधन हो चुका था. जब वह 6 वर्ष के थे तो उनकी मां की भी मृत्यु हो गई. मां के निधन के बाद पैगंबर मोहम्मद अपने चाचा अबू तालिब और दादा अबू मुतालिब के साथ रहने लगे. इनके पिता का नाम अब्दुल्लाह और माता का नाम बीबी आमिना था.
मूर्ति पूजा के सख्त खिलाफ
पैगंबर मोहम्मद मूर्ति पूजा या किसी भी चित्र की पूजा के खिलाफ थे. यही वजह है कि उनकी कहीं भी तस्वीर या मूर्ति नहीं मिलती है. बता दें कि इस्लाम में मूर्ति पूजन की मनाही है. बताया जाता है कि पैगंबर मोहम्मद ने कहा था कि जो भी उनकी तस्वीर बनाएगा, उसे अल्लाह सजा देगा.