नारियल (Coconut) एक बहुपयोगी पेड़ है। मुख्यत: इसका फल खाने और तेल खाद्य पदार्थ व औषधीय रूप में इस्तेमाल होता है। वहीं इसके रेशों, पत्तों से झाड़ू, चटाई, रस्सी, छत, सोफे, कुर्सी की गद्दी, ब्रश आदि बनाए जाते हैं। इसका फल हमारी संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। पूजा-पाठ से लेकर, सम्मान, अभिनंदन में श्रीफल भेंट करने की परंपरा तो वैदिककाल से चली आ रही है। इसे संस्कृत में श्रीफल, गुजराती में नारियर, बंगला में नारिकेल, मराठी में नारल और कश्मीरी में खूपर भी कहते हैं। पुराणों में है वर्णन
पौराणिक कथा के अनुसार, देवताओं से नाराज होकर राजर्षि से ब्रह्मर्षि बने विश्वामित्र ने स्वयं सृष्टि की रचना प्रारंभ कर दी थी। उनका बनाया सिर ही नारियल है। ब्रह्मा की सृष्टि में इंसानों के दो आंखें होती हैं, जबकि विश्वामित्र ने अपनी मानव रचना में तीन आंखें बनाई थीं इसीलिए नारियल में आंखों के आकार के तीन प्रतीक देखने को मिलते हैं। यही वजह है कि नारियल को त्रिनेत्र भी कहा जाता है।
कुछ लोग मानते हैं कि यह बहुवर्षी और एकबीजपत्री पौधा मूल रूप से न्यूजीलैंड के समुद्र तटों का वृक्ष है, जो बाद में भारत सहित अन्य देशों में पहुंचा। यह उष्ण कटिबंधीय जलवायु में आसानी से उगता है। भारत में यह केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा, बंगाल तथा अंडमान-निकोबार आदि जगहों में पाया जाता है। भारत में केरल राज्य नारियल के उत्पादन में सबसे आगे है।
पूजन से लेकर भोजन तक में प्रयोग
नारियल के फल का बाहरी कवच मोटा तथा रेशेदार होता है, जो एक कठोर आवरण से ढंका रहता है। नारियल के कच्चे (हरे) फल को ‘डाभ’ कहते हैं। काटने पर इससे मीठा जल प्राप्त होता है, जो बहुत गुणकारी होता है। इसकी कच्ची गरी भी खाई जाती है। पके नारियल के अंदर मौजूद गरी को हवन-पूजन से लेकर पंच मेवों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।
गरी का तेल सिर को ठंडक प्रदान करता है तथा बालों को रूसी के संक्रमण से बचाता है। इसका तेल वनस्पति तेल की तरह विभिन्न खाद्य पदार्थो में प्रयोग होता है। मिठाई, चॉकलेट, पुडिंग, कढ़ी, चटनी, केक, पेस्ट्री आदि बनाने भी यह काम आता है।
नारियल में रेडियम व कोबाल्ट पाया जाता है, इसीलिए कैंसर रोगियों को गरी या नारियल पानी को डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा यह हृदय, यकृत गुर्दे, मुंह के छाले आदि रोगों में बहुत फायदेमंद होता है। यह इम्युनिटी मजबूत करने में भी बहुत सहायक है। इसमें जल, प्रोटीन, वसा, खनिज तत्व, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, प्रचुर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है।