सनातन धर्म में पंचक (Panchak) काल के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। हर महीने में पांच ऐसे दिन होते हैं, जिन्हें पंचक कहा जाता है। पंचक के दिनों को अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि पंचक में व्यक्ति को कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। इतना ही नहीं, कई तरह की परेशानियां भी घेर लेती हैं। ऐसे में आइए, पंडित आशीष शर्मा के अनुसार जानते हैं कि अप्रैल माह में पंचक कब से शुरू होंगे।
कब से शुरू होंगे पंचक (Panchak) ?
पंचांग के अनुसार, अप्रैल माह में पंचक (Panchak) 5 अप्रैल, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 14 मिनट पर शुरू हो रहे हैं। यह अगले दिन मंगलवार 9 अप्रैल को सुबह 7.32 बजे समाप्त होंगे। ऐसा माना जाता है कि पंचक के दौरान वर्जित कार्यों को करने से व्यक्ति को धन हानि होती है। साथ ही परिवार में परेशानियां आती हैं। इसलिए पंचक काल के दौरान कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए। वरना अशुभ परिणाम प्राप्त होने लगते हैं।
पंचक (Panchak) में न करें ये कार्य
– गृह निर्माण
– लकड़ी खरीदना
– दक्षिण दिशा की तरफ की यात्रा
– शव जलाना
– शय्या का निर्माण
– विवाह
– गृह प्रवेश
क्या होते हैं पंचक (Panchak) ?
पंचक (Panchak) पांच नक्षत्रों का एक समूह होता है। 27 नक्षत्रों में से 5 नक्षत्र ऐसे हैं, जिन्हें दूषित माना जाता है। इन्हें ही पंचक कहा जाता है। ये धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, शतभिषा और रेवती नक्षत्र हैं। पंचक धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के आरंभ से रेवती नक्षत्र के अंतिम चरण तक रहता है।