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Radhashtami: राधा जी की आठ सखियां, जिनको कान्हा से था लगाव

Writer D by Writer D
04/09/2022
in Main Slider, धर्म, फैशन/शैली
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Radha Ashtami

Radha Ashtami

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श्रीकृष्ण की बाल्‍यावस्‍था में उनके अनेक सखा-सखी थे, जिन सखियों का उनसे ज्‍यादा लगाव था, वे आठ सखी थीं- राधा, विशाखा, ललिता, इंदुलेखा, चम्पकलता, सुदेवी, तुंगविद्या और चित्रा सखी. इन्हें अष्टसखी (Ashtsakhi) कहा जाता है. कान्हा के अनेक नाम हैं, उसी तरह भक्तजन उनकी सखियों को भी कई नामों से पुकारते हैं. राधाष्टमी (Radhashtami) पर जानते हैं इन अष्टसखियों के बारे में.

राधा बरसाना गांव की रहने वाली थीं. हालांकि उनका जन्म यमुना नदी के किनारे रावल में हुआ था.  ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, सीता जी की तरह राधा भी गर्भ से नहीं जन्‍मीं.  उन्हें वृषभानु ने पाला, इसलिए उन्हें वृषभानु-दुलारी कहा जाता है.  अब बहुत से लोगों को लगता है कि राधा जी बरसाने वाली थीं, हालांकि जहां उनका प्राकट्य हुआ- वो जगह रावल है.  मथुरा से सांसद बनी हेमामालिनी ने इसी रावल गांव को गोद लिया. रावल में राधा जी की कई निशानियां मिलती हैं, जबकि बरसाना में उनके प्राचीन और भव्य मंदिर हैं.

राधा की सहेली चित्रा, बरसाना से सटे चिकसौली गांव से थीं.  ये दोनों गांव एक-दूजे से ऐसे जुड़े हैं कि पता नहीं चलता कि आप कब किस गांव में प्रवेश कर गए. बरसाना के पास ही कई और गांव भी हैं, जिनके बीच अरावली पर्वत श्रृंखला में ब्रह्मांचल पहाड़ मौजूद है. यहां मौजूद मंदिर और बगीचे राधा-कृष्ण के अमर-प्रेम की गवाही देते हैं.

ब्रह्मांचल पहाड़ पर राधा रानी का भानुगढ़, दान गढ़, विलासगढ़ व मानगढ़ हैं. पास में ही अष्टसखी- रंगदेवी, सुदेवी, ललिता, विशाखा, चंपकलता, चित्रा, तुंग विद्या व इंदुलेखा के निवास स्थान हैं.  यहां स्थित मोर कुटी, गहवखन व सांकरी खोर भी प्रसिद्ध हैं. सांकरी खोर में ही कृष्ण समेत ग्वाला-बाल छिपकर गोपियों का दूध-दही व मक्खन लूट लेते थे.

Tags: RadhashtamiRadhashtami 2022Radhashtami celebrationRadhashtami dateRadhashtami puja
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