• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

रेलवे औपनिवेशिक युग की प्रथा को समाप्त करने की तैयारी में जुटा

Desk by Desk
07/08/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, नई दिल्ली, राष्ट्रीय
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नई दिल्ली। रेलवे औपनिवेशिक युग की प्रथा को समाप्त करने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत वरिष्ठ अधिकारियों के आवास पर काम करने वाले खलासियों या ‘बंगला चपरासियों’ (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) की प्रथा को खत्म किया जाएगा। बोर्ड अब कोई नई नियुक्ति नहीं करेगा।

आदेश में कहा गया है, ‘टीएडीके की नियुक्ति संबंधी मामला रेलवे बोर्ड में समीक्षाधीन है, इसलिए यह फैसला किया गया है कि टीएडीके के स्थानापन्न के तौर पर नए लोगों की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जानी चाहिए और न ही तत्काल नियुक्ति की जानी चाहिए।’

सुशांत केस में बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामा, रिया ने पेश होने से किया इनकार

आदेश में कहा गया है, इसके अलावा, एक जुलाई 2020 से इस प्रकार की नियुक्तियों को दी गई मंजूरी के मामलों की समीक्षा की जा सकती है और इसकी स्थिति बोर्ड को बताई जाएगी। इसका सभी रेल प्रतिष्ठानों में सख्ती से पालन किया जाए। बोर्ड ने गुरुवार को सभी महाप्रबंधकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। यह भी पढ़ें- हवाई सेवाओं की तर्ज पर तय होगा रेल टिकट का किराया, निजी कंपनियों के हाथ में होगी चाबी

दरअसल, रेलवे में बहुत सारे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अफसर अपने बंगले पर रख लेते थे। नियमानुसार क्लास वन के रेल अधिकारियों को अपने बंगले पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रखने का अधिकार है। बंगले पर तीन साल तक कार्य करने के बाद तैनाती रेलवे कर्मचारी के रूप में हो जाती थी।

सुशांत सिंह राजपूत केस : रिया से ED करेगी पूछताछ, धनशोधन का मामला दर्ज

रेलकर्मी बनने के बाद अफसर फिर से नई तैनाती कर लेते थे। इससे रेलवे का कामकाज प्रभावित होता था लेकिन अब चतुर्थ श्रेणी की तैनाती बंगले पर नहीं हो पाएगी। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) ने रेलवे बोर्ड के इस निर्णय का स्वागत किया है।

संघ के प्रवक्ता एके सिंह ने कहा है कि संघ लगातार इस व्यवस्था को समाप्त करने की मांग करता रहा है। यह व्यवस्था पारदर्शी नहीं रह गई थी। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा था। पूर्व में धनउगाही की भी शिकायतें आई थीं।

Tags: appointmentbungalow peonscolonial era practiceindian railwaykhalasirailway boardrailway establishmentsखलासीनियुक्तिभारतीय रेलवेरेलवे प्रतिष्ठानरेलवे बोर्ड
Previous Post

भारतीय बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी का सिलसिला जारी

Next Post

रेलवे बोर्ड ने 50 ट्रेनों के रूट में किया बदलाव, बेगमपुरा और दून एक्सप्रेस अब नहीं आएगी जौनपुर

Desk

Desk

Related Posts

Maa Lakshmi
धर्म

तुलसी के सामने जलाएं रोज दीपक, प्रसन्न हो जाएंगी मां लक्ष्मी

23/10/2025
Worship
धर्म

पूजा घर के आसपास न रखें ये सामान, हो जाएगा बड़ा नुकसान

23/10/2025
Bitter Gourd
Main Slider

करेले के साथ ना करें इन चीजों का सेवन, होता है नुकसानदायक

23/10/2025
Kitchen
Main Slider

रसोई में कभी भी न रखें ये चीजें, चली जाएगी बरकत

23/10/2025
fire
Main Slider

इंदिरापुरम: 5 मंजिला इमारत में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद पाया काबू

22/10/2025
Next Post

रेलवे बोर्ड ने 50 ट्रेनों के रूट में किया बदलाव, बेगमपुरा और दून एक्सप्रेस अब नहीं आएगी जौनपुर

यह भी पढ़ें

Anandiben

आनंदीबेन ने गर्भवती महिलाओं को ‘पोषण पोटली’ देकर पूरी की गोदभराई की रस्म

16/07/2021
arrested

22.55 लाख कीमत के साबुन से लोड ट्रक करने वाले 4 गिरफ्तार

27/04/2022
Pension

सीएम योगी का पेंशन पोर्टल खत्म करेगा पेंशनरों की मुश्किलें

30/04/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version