लखनऊ। राजधानी लखनऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में शुक्रवार से 15 साल पुराने वाहनों का दोबारा पंजीकरण (Re -registration) और फिटनेस (Fitness) कराना महंगा हो गया है। इसके लिए परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने एक अप्रैल से पंजीकरण के नए शुल्क लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। राजधानी लखनऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में शुक्रवार से 15 साल पुराने वाहनों का दोबारा पंजीकरण और फिटनेस कराना महंगा हो गया है। अब 15 साल पुराने दो पहिया वाहनों का फिर से पंजीकरण कराने के लिए शुल्क 300 रुपये के बजाय 1,400 रुपये देने पड़ेंगे।
15 साल पुरानी कार के दोबारा पंजीकरण के लिए पहले 600 रुपये देने पड़ते थे। साथ ही ग्रीन टैक्स अलग से देने पड़ते थे। अब पुरानी कार के दोबारा पंजीकरण कराने में 5,800 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। इसमें पांच हजार रुपये पंजीकरण और 800 रुपये फिटनेस जांच शामिल है। तिपहिया वाहन की वर्तमान फीस 600 रुपये है, जबकि नई दरें 3,300 रुपये हो गई है।
परिवहन विभाग ने जनपद में 19 साल पुराने 81,773 वाहनों का पंजीकरण किया निरस्त
इसी तरह से व्यावसायिक (कमर्शियल) वाहनों में फिटनेस की जांच के लिए अब मोटर साइकिल के लिए एक हजार रुपये, तीन पहिया वाहनों के लिए 3,500 रुपये, हल्के मोटरयान के लिए 7,500 रुपये, मध्यम माल या यात्री मोटरयान के लिए 10 हजार रुपये और भारी माल या यात्री मोटरयान के लिए 12,500 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। फिटनेस प्रमाण पत्र की अवधि समाप्त होने के बाद देरी के प्रत्येक दिन के लिए 50 रुपये का अतिरिक्त शुल्क भी लिया जाएगा।
इसके अलावा 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहनों के दोबारा पंजीकरण के लिए अब मोटर साइकिल के लिए एक हजार रुपये, तिपहिया वाहन के लिए 2,500 रुपये, हल्के मोटरयान के लिए पांच हजार रुपये, मध्यम माल यात्री यान के लिए एक हजार रुपये और भारी माल यात्री यान के लिए 1,500 रुपये देने पड़ेंगे।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वाहनों पर लगाए गए नए नियम
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी का कहना है कि 15 साल पुराने वाहनों का पंजीकरण और फिटनेस शुल्क शुक्रवार से महंगा हो गया है। 15 साल पुराने वाहनों का पंजीकरण और फिटनेस कराने वालों से नई दरों के हिसाब से शुल्क लिया जाएगा। इसके अलावा फिटनेस प्रमाण पत्र की अवधि समाप्त होने के बाद देरी के प्रत्येक दिन के लिए 50 रुपये का अतिरिक्त शुल्क भी लिया जाएगा।