सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि का बहुत महत्व होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। चतुर्थी तिथि महीने में दो बार मनाई जाती है। इस महीने 28 फरवरी 2024, बुधवार को चतुर्थी तिथि मनाई जाएगी। फाल्गुन माह में आने वाली चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस चतुर्थी का शास्त्रों में बहुत महत्व है। इस विशेष दिन पर पूरे श्रद्धा भाव के साथ पूजा करने से भगवान गणेश हर मनोकामना पूरी करते हैं।
संकष्टी चतुर्थी ( Sankashti Chaturthi) शुभ मुहूर्त
फाल्गुन माह की चतुर्थी तिथि 28 फरवरी, बुधवार को सुबह 1:53 बजे शुरू होगी। यह गुरुवार 29 फरवरी को सुबह 04:18 बजे समाप्त होगी। संकष्टी चतुर्थी ( Sankashti Chaturthi) का व्रत 28 फरवरी को ही रखा जाएगा।
संकष्टी चतुर्थी ( Sankashti Chaturthi) का महत्व
संकष्टी चतुर्थी ( Sankashti Chaturthi) का दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए खास माना जाता है। इस दिन व्रत रखा जाता है और पूरी श्रद्धा के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश की कृपा प्राप्त हो, तो हर मनोकामना पूरी हो जाती है। महादेव और देवी पार्वती के पुत्र का सभी देवताओं में महत्वपूर्ण स्थान है। इसी कारण उन्हें प्रथम पूजनीय माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले बप्पा की पूजा की जाती है।
संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) पर करें इन मंत्रों का जाप
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति करो दूर क्लेश ।।