उत्तर प्रदेश के मिजार्पुर जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के बामी गांव में एक ही परिवार के तीन बच्चों के बंधी में मिले शव का गुरुवार की सुबह पोस्टमार्टम हुआ।
शरीर पर चोट के निशान मिले तो वहीं मौत का कारण डूबना नहीं बताया जा रहा है। एडीजी जोन वाराणसी बृज भूषण ने गुरुवार की दोपहर घटना स्थल का दौरा किया। मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज हो गया है।
एडीजी ने जल्द खुलासे के निर्देश दिए हैं। साथ ही जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। पोस्टमार्टम के बाद बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया है।
लालगंज थाना क्षेत्र के बामी गांव निवासी कक्षा आठ के छात्र शशांक तिवारी(14) पुत्र राकेश तिवारी, शिवम(14) पुत्र राजेश तिवारी, हरिओम(14) पुत्र मुन्ना तिवारी मंगलवार की दोपहर एक साथ धसड़ा के जंगल में बेर खाने गए थे। वो देर शाम तक घर वापस नहीं आए थे। उनके घर न आने पर परिजनों को चिंता हुई तो वे जंगल में ढूंढने गए। देर रात पता न चलने पर परिजन घर लौट आए।
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बुधवार सुबह होने पर परिजनों ने खोजबीन करने के साथ ही पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने खोजबीन की तो बुधवार की दोपहर बाद तीनों के कपड़े विंध्याचल थाना क्षेत्र के लेहड़िया जंगल की बंधी के भीटे पर मिले। गुरुवार की सुबह दो डॉक्टरों के पैनल व वीडियोग्राफी में तीनों बच्चों का पोस्टमार्टम कराया गया।
पुलिस अधीक्षक व सीएमओ के अनुसार, तीनों के शव पर चोट के निशान मिले हैं। एसपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि चोट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस व स्वास्थ्य विभाग फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट की डिटेल नहीं बता रहा है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत का कारण नहीं पाया गया है। इससे आशंका प्रबल हो गई है कि तीनों बच्चों की हत्या की गई है।
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दूसरी तरफ एडीजी जोन बृज भूषण गुरुवार को गैपुरा चौकी क्षेत्र स्थित लेहड़िया बंधी पहुंचे। वहां बामी गांव निवासी तीन बच्चों की हुई मौत के घटनास्थल पर जांच की। उन्होंने एसआईटी टीम गठित करके जांच का आदेश दिया। एडीजी ने हत्या के मामले का जल्द खुलासा करने का आश्वासन दिया।
एडीजी, आईजी पीयूष श्रीवास्तव, जिला अधिकारी सुशील कुमार पटेल, पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर जांच की। जांच के दौरान एडीजी ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि आसपास किसानों, ग्रामीणों, चरवाहों से जानकारी इकट्ठा करें और मामले का जल्द खुलासा करें। इसमें किसी प्रकार की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। मौके पर बच्चों के पिता मुन्ना तिवारी, राकेश तिवारी, राजेश तिवारी से बारी-बारी जानकारी हासिल की। एडीजी जोन ने एसआईटी का गठन किया। मिजार्पुर के अपर पुलिस अधीक्षक नक्सल अजय सिंह विष्ट के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई।