उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्सेफेलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण को एक उपलब्धि बताते हुये कहा कि पूर्वांचल में इन्सेफेलाइटिस खात्मे की ओर है और मीडिया को इस सक्सेज स्टोरी को दुनिया के सामने लाना चाहिए।
श्री योगी ने शुक्रवार को यहां सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के नवनिर्मित भवन ‘पंडित दीन दयाल उपाध्याय सूचना परिसर’ के लोकार्पण के अवसर पर मीडिया कर्मियों को पांच लाख रुपये तक के उपचार के लिये स्वास्थ्य बीमा तथा कोविड-19 के संक्रमण से मरने वालों को दस लाख रूपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का ऐलान किया।
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उन्होने कहा कि इन्सेफेलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण पूरी दुनिया के लिए एक सक्सेज स्टोरी है। आज पूर्वांचल समेत पूरे प्रदेश में इन्सेफेलाइटिस की बीमारी खात्मे की ओर है। मीडिया के लोगों को इस सक्सेज स्टोरी को दुनिया के सामने लाना चाहिए। इन्सेफेलाइटिस के नियंत्रण में किये गये कार्य का अनुभव कोविड-19 के संक्रमण के दौरान बहुत उपयोगी साबित हुआ। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति अन्य प्रदेशों से काफी अच्छी है। राज्य में पाॅजिटिविटी रेट सबसे कम तथा रिकवरी दर सर्वाधिक है।
मैंने कोरोना कालखंड में भी बड़े-बड़े लोगों को भयभीत होते हुए देखा है, लेकिन मीडिया के लोग भयभीत नहीं हुए। वे लड़ते रहे, जूझते रहे, जान को जोखिम में डालते गए। इसीलिए हमें महसूस हुआ कि मीडिया के लिए कुछ करना चाहिए: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी pic.twitter.com/12LxLLL6C5
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 25, 2020
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर मण्डल सहित पूर्वांचल के जिलों में हर साल इन्सेफेलाइटिस से बड़ी संख्या में मृत्यु होती थी। वर्ष 1977 में पहली मौत होने के बाद वर्ष 1998 तक प्रदेश के 38 जिलों में इन्सेफेलाइटिस की बीमारी फैल चुकी थी। प्रधानमंत्री ने दो अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।
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उनके प्रयास से स्वच्छ भारत मिशन के साथ सभी वर्गाें के लोग बड़ी संख्या में जुड़े। मिशन के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में पांच सालों में तीन करोड़ व्यक्तिगत शौचालय बनाने का लक्ष्य था। प्रारम्भिक ढाई वर्षाें में मात्र 43 लाख शौचालय ही बनाये जा सके थे। मौजूदा सरकार ने कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात मिशन मोड में कार्य करते हुए डेढ़ वर्ष में लक्ष्य से अधिक शौचालय बनाये।