नई दिल्ली. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना को 100 साल पूरे हो चुके हैं। चीन इसका प्रचार करने के लिए पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। ऐसे ही एक कार्यक्रम में भारत के कुछ नेता शामिल हुए। कार्यक्रम दिल्ली में स्थित चीनी दूतावास में आयोजित किया गया।
ANI के मुताबिक कार्यक्रम में CPIM के महासचिव सीताराम येचुरी, CPI के जनरल सेक्रेट्री डी राजा, लोकसभा सांसद डॉ. एस. सेंथिलकुमार और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के जी. देवराजन भी शामिल हुए।
गलवान झड़प का हुआ जिक्र
कार्यक्रम में चीनी राजदूत सुन वीडांग ने भारत और चीनी सेनाओं के बीच गलवान में हुई झड़प का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हर मौके पर हमने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। हमें अपने द्वापक्षीय रिश्तों को मजबूत करना होगा। भारत और चीन के संबंधों के मायने हैं। हम दुश्मन नहीं बल्की पार्टनर हैं। हमें एक दूसरे के रास्ते की बाधा नहीं बनना है।
170 देशों से आया बधाई संदेश
कार्यक्रम का आयोजन वर्चुअली किया गया था। इस दौरान सुन वीडांग ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने पर चीन में जगह-जगह जश्न मनाया गया। वीडांग ने कहा कि 170 देशों से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को बधाई संदेश मिले। 600 राजनीतिक दलों ने हमें शुभकामनाएं दीं। अब तक 1500 से ज्यादा बधाई संदेश हमें मिल चुके हैं। भारत की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से भी हमें बधाई संदेश मिले थे।
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भाजपा ने कसा तंज़
इसके बाद भाजपा ने कार्यक्रम में शामिल होने वाले वामपथी नेताओं पर निशाना साधा। बंगाल BJP अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि एक तरफ सीमा पर चीन के साथ विवाद चल रहा है, दूसरी तरफ कम्युनिस्ट नेता चीन के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं।
घोष ने कहा कि ये लोग चीन और रूस के प्रति तो वफादार हैं, लेकिन भारत के प्रति नहीं। ये लोग चीन के चेयरमैन को अपना चेयरमैन मानते हैं। मैंने दशकों तक कम्युनिस्ट आंदोलनों को करीब से देखा है। जब अमेरिका और वियतनाम का युद्ध चल रहा था तो वामपंथी वियतनाम के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।