लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को तटबंध के निरन्तर पेट्रोलिंग के साथ-साथ बांधों में कटान की स्थिति पर सतत् निगरानी रखने के निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ पीड़ितों को समय से राहत सामाग्री पहुंचायी जाय।
पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर ने बुधवार को यहा बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तटबंध के निरन्तर पेट्रोलिंग के साथ-साथ बांधों में कटान की स्थिति पर सतत् निगरानी रखने के निर्देश दिये गये है। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को समय से राहत प्रदान की जाए। बाढ़ राहत शरणालयों में रह रहे किसी भी व्यक्ति में ज्वर, खांसी, सिरदर्द आदि के लक्षण प्रदर्शित होने पर उनकों शेष शरणार्थियों से अलग रखा जाए। कोविड-19 के मद्देनजर आश्यकतानुसार टेस्टिंग, भर्ती, उपचार आदि की कार्रवाई सुनिश्चित की जाय।
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श्री राजभर ने बताया कि राज्य में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिये 22 टीमें तैनाती की गयी है जबकि 1,176 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है।
उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री रखी गयी है जिसमें आटा, चावल, आलू, लाई, भूना चना, अरहर की दाल, नमक, हल्दी, मिर्च, धनिया, केरोसिन, मोमबत्ती, माचिस, बिस्कुट, रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के तहत 96,834 खाद्यान्न किट व 2,21,220 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 290 मेडिकल टीम लगायी गयी है।
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श्री राजभर ने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 16 जिलों अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, बदायूं, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, शाहजहांपुर, देवरिया, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर के 777 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी, तुर्तीपार (बलिया), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) तथा सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 362 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 6,68,392 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 2,743 कुंतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जिला एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है।