नई दिल्ली। महंगाई के र्मोचे पर लाेगाें के लिए झटका देने वाली खबर है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित थोक महंगाई (Wholesale Inflation) दर जून में बढ़कर 16 महीने के उच्चतम स्तर 3.36 फीसदी पर पहुंच गई है। इससे पिछले महीने मई में यह 2.61 फीसदी पर थी, जबकि अप्रैल में थोक महंगाई (Wholesale Inflation) दर 1.26 फीसदी थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि जून महीने में थोक महंगाई (Wholesale Inflation) दर बढ़कर 3.36 फीसदी रही है। मंत्रालय के मुताबिक मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के विनिर्माण, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और खनिज तेल सहित अन्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण थोक महंगाई (Wholesale Inflation) दर में बढ़ाेत्तरी हुई है। हालांकि, जून 2023 में थोक महंगाई दर 4.12 फीसदी रही थी।
मंत्रालय के मुताबिक खाने और पीने की चीजों की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी की वजह से थोक महंगाई (Wholesale Inflation) दर में वृद्धि जारी है। आंकड़ों के अनुसार जून महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) भी बढ़कर चार महीनों के अपने उच्चतम स्तर 5.08 फीसदी पर पहुंच गया है। खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों का असर सीपीआई पर भी पड़ा है।
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मंत्रालय के मुताबिक जून महीने में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 8.68 फीसदी पर पहुंच गई है, जो मई में 7.40 फीसदी रही थी। वहीं, रोजाना की जरूरत वाले सामानों की महंगाई दर 7.20 फीसदी से बढ़कर 8.80 फीसदी हो गई है। मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 0.78 फीसदी से बढ़कर 1.43 फीसदी रही है। हालांकि, इस दौरान फ्यूल और बिजली की थोक महंगाई दर 1.35 फीसदी से घटकर 1.03 फीसदी रही।
उल्लेखनीय है कि जून महीने में खुदरा महंगाई दर भी उछलकर 5.08 फीसदी पर पहुंच गई है, जो इसका 4 महीने का उच्चतम स्तर है।