केंद्र सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में कई अहम फैसले लिए हैं। सरकार की तरफ से आत्मनिर्भर भारत पर पूरा जोर दिया गया है और उसी कड़ी में आयुष मिशन को धार देन की बात कही गई है।
सरकार ने फैसला लिया है कि अब राष्ट्रीय आयुष मिशन को 2021—22 से लेकर 2025—26 तक बढ़ा दिया गया है। वहीं इस दौरान इस मिशन को सफल बनाने के लिए कुल 4,607 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सरकार के इन फैसलों के बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने जानकारी दी है कि भारत सरकार पांच साल के अंदर इस मिशन पर 4,607 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसमें उनकी तरफ से पूरे देश में 12 हजार आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर खोलने की तैयारी है। वहीं 6 आयुष कॉलेज, 12 पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट खोलने पर भी सहमति बनी है।
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जानकारी ये भी मिली है कि 10 अंडर ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट के इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने पर फोकस किया जाएगा। वहीं 36 पचास बेड वाले आयुष अस्पतालों का भी निर्माण किया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि अब हेल्द इंफ्रास्ट्रक्चर पर दवाब कम हो सके, ऐसे में आयुष मंत्रलाय द्वारा इस दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा आयुष प्रणाली के विस्तार पर भी सरकार का पूरा ध्यान रहने वाला है।
कोरोना काल में आयुष मंत्रालय ने एक सक्रिय भूमिका निभाई है, ऐसे में अब सरकार राष्ट्रीय आयुष मिशन के जरिए बड़े स्तर पर जागरूगता अभियान चलाना चाहती है, बीमारियों से प्रभावी अंदाज से लड़ सकें, उसके लिए रोडमैप तैयार करना चाहती है।
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वहीं बीमारियों के रोकथाम के लिए मजबूत नीति की वकालत की गई है। अब आयुष मिशन पर तो सरकार मोटा खर्च करने जा ही रही है, इसके अलावा उनकी तरफ से केंद्रीय कर्मचारियों को भी बड़ा तोहफा दिया गया है। कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) को 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया गया है।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने टैक्सटाइल क्षेत्र में एक अहम स्कीम को जारी रखने का फैसला लिया है। सरकार ने अप्रैल, गारमेंट और मेडअप्स के लिए RoSCTL स्कीम को जारी का फैसला किया है। इससे टैक्सटाइल के क्षेत्र को प्रोडक्ट निर्यात करने में लाभ मिलेगा, ये स्कीम 31 मार्च 2024 तक जारी रहेगी।